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हाथरस : जब किसी बहन का बाप-भाई नहीं होता है और परिवार में मां बुढ़ी हो ओर घर में कोई जिम्मेदारी उठाने वाला न हो | इस जिम्मेदारी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए निस्वार्थ सेवा संस्थान ने भाई और मामा का फर्ज निभाते हुए बिटिया की शादी की |
जब निःस्वार्थ सेवा संस्थान ने हाथ बढ़ाया, तो उन आंसुओं की जगह खुशियों ने ले ली। इस संस्थान ने न केवल बेटी की शादी का संपूर्ण खर्च उठाया, बल्कि उसे नए जीवन की शुरुआत के लिए जरूरी हर चीज भी सौंपी।
संस्था की ओर से नवविवाहित दंपत्ति को गृहस्थी के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं प्रदान की गईं। इनमें 3 जोड़ी चांदी की बिछिया, 1 जोड़ी चांदी की तोड़िया, 7 साड़ियां, 2 बेडशीट, 1 बेड (गद्दे और तकिए सहित), 4 कुर्सियां, 1 बड़ा और 2 छोटे आर्टिफिशियल सेट, 2 आर्टिफिशियल अंगूठियां, 2 जोड़ी स्लीपर, 1 मिक्सी, 1 वाटर कूलर (12 लीटर), 1 बाथरूम सेट, 1 टी कैटल, 1 कुकर, 1 फ्राई पैन, 40 बर्तन, 1 डाइनिंग सेट, 1 बॉटल सेट (6 पीस), 1 टी-शुगर सेट, 1 केसरोल सेट (3 पीस), 1 मिल्टन बॉटल, 1 छोटा गैस सिलेंडर और 1 हीटर शामिल थे।
निःस्वार्थ सेवा संस्थान ने केवल शादी में जरूरी सामान ही नहीं दिया, बल्कि पूरा विवाह समारोह में लगने वाला पूरे सामान की व्यवस्था अपने कंधों पर उठा लिया। संस्था ने हलवाई, भोजन, टेंट, लाइटिंग, दूध-दही और अन्य आवश्यक सामान की व्यवस्था भी की, ताकि बेटी की शादी पूरे सम्मान और गरिमा के साथ संपन्न हो सके।
इस भावुक अवसर पर संस्था ने केवल बेटी की शादी ही नहीं, बल्कि उसकी गरीब मां का भी सम्मान किया। उन्हें एक शाल उड़ाकर (ओढ़नी), 2 साड़ियां और निःस्वार्थ सेवा संस्थान का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। यह देखकर उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। एक मां जिसने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी बेटी इतनी गरिमा और सम्मान के साथ विदा होगी, वह बस यही कह पाई – “आज मेरी बेटी सच में राजकुमारी लग रही है, यह सब आप लोगों की बदौलत हुआ।”
इस अवसर पर अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, सचिव नीरज गोयल , कॉर्डिनेटर चंद्र प्रकाश अग्रवाल , सह सचिव तरूण राघव , सह सचिव निश्कर्ष गर्ग ,ध्रुव कोठीवाल , विशाल सोनी, सुनील कुमार , कनज सारस्वत , आलोक अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, आदि उपस्थित रहे ।