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सादाबाद : ब्रह्मा कुमारीज द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद जी जीवन के विषय में विस्तृत चर्चा हुई |
कार्यक्रम में वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके भावना बहन नें स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा पूरे विश्व में सनातन धर्म का परचम लहराने, सनातनियों का नेतृत्त्व करने वाले, वाले हिंदू को हिंदू होने पे गर्व कराने वाले, स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है | हमारा चरित्र ही हमारी सबसे बड़ी सम्पत्ति है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था यदि उन्हें उज्ज्वल चरित्र के 100 युवा मिल जाएं तो वह पूरे भारत को बदल सकते हैं। वर्तमान में युवाओं को अपने तन, मन और समय के महत्व को जान इसका सदुपयोग करना चाहिए। अगर हम इसका सही उपयोग करते हैं तो हमारे जीवन में प्रगति निश्चित है।ब्रह्मा कुमारीज संस्था में स्वामी विवेकानंद की भांति को अनेकों युवा भाई बहने ब्रह्मचर्य को जीवन में धारण कर अपना चारित्रिक जीवन, व्यसन मुक्त बना रहे और समाज को प्रेरित कर रहे है |
मुख्य वक्ता प्रमुख समाजसेवी सोम वार्ष्णेय जी नें कहा विवेकानंद की जब भी बात होती है तो अमरीका के शिकागो की धर्म संसद में साल 1893 में दिए गए भाषण की चर्चा ज़रूर होती है| उन्होंने जब पहला शब्द बोला अमरीकी भाइयों और बहनों, आपने जिस स्नेह के साथ मेरा स्वागत किया है उससे मेरा दिल भर आया है|
सुनकर सारा सभागार तालिया की गड़गड़ाहट से गूंज उठा | आगे उन्होंने कहा मैं दुनिया की सबसे पुरानी संत परंपरा और सभी धर्मों की जननी की तरफ़ से धन्यवाद देता हूं. सभी जातियों और संप्रदायों के लाखों-करोड़ों हिंदुओं की तरफ़ से आपका आभार व्यक्त करता हूं! ये वो भाषण है जिसने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया| कार्यक्रम में समाजसेवी हीरालाल जी, प्रीतम सिंह,राम बाबू,बीके कमलेश, आयुषी, वर्षा, देवकी, नीतू, बेबी, सर्वेश, बबिता बहन,अनेक भाई बहन मौजूद रहे |

INPUT – RANJEET KUMAR

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