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हाथरस : भाजपा जिला कार्यालय हाथरस पर भाजपा जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी की अध्यक्षता में वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में जिला संगोष्ठी आहूत हुई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रभारी मंत्री महिला कल्याण एवं पुष्टाहार विभाग उ०प्र० सरकार बेबी रानी मोर्य रहीं , मुख्य अतिथि बेबी रानी मोर्य ने वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में गुरु गोविन्द सिंह जी के साहिबजादों की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत की याद में वीर बाल दिवस मनाया जाता है ,श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के चार साहिबजादों में से दो बड़े साहिबजादे चमकौर की जंग में शहीद हो गए और दो छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फ़तेह सिंह जिनकी उम्र मात्र 7 एवं 9 वर्ष थी वर्ष 1704 में दिसम्बर महीने में जालिम मुग़ल शासको ने जिन्दा दीवार में चिनवा दिया था , साहिबजादों ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए धर्म की रक्षा और आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए परन्तु जबरन थोपा गया इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया यह वही साहिबजादे है जिनके दादा जी श्री गुरु तेग बहादुर जी ने दिल्ली के चांदनी चौक में हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए शहीदी दी थी, इनके पिता श्री गुरु गोविन्द सिंह ने औरंगजेब द्वारा किये जा रहे जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लड़ाई लड़ी और भारत के लोगो के अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए वीररस भरा और समाज के जात-पात को ख़त्म करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की, एक ओर आतंक और मजहबी में अंधी शक्तिशाली मुगल सल्तनत थी, वहीं दूसरी ओर ज्ञान से जगमगाते और भारत के प्राचीन सिद्धांतों के अनुसार जीने वाले हमारे गुरू थे, एक ओर आतंक और मजहबी की पराकाष्ठा थी तो दूसरी ओर आध्यात्मिकता की पराकाष्ठा और हर इंसान में ईश्वर को देखने की दयालुता थी। मुगलों के पास लाखों की सेना थी तो गुरू के वीर साहिबजादों के पास साहस था | जिलाध्यक्ष भाजपा शरद माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वीर बाल दिवस पंच प्राणों के लिए एक जीवन शक्ति की तरह है शहीदी सप्ताह और वीर बाल दिवस केवल भावनाओं का संग्रह नही बल्कि अनंत प्रेरणा का स्त्रोत है, माता गुजरी, श्री गोविन्द सिंह और चार साहिबजादों की बहादुरी और आदर्शो ने लाखों लोगो को ताकत दी, उन्होंने कभी अन्याय के आगे सर नहीं झुकाया | सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर ने बताया कि वीर बाल दिवस मनाने के लिए पूरा देश हमेशा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आभारी रहेगा, एक भारत, श्रेष्ठ भारत की अवधारणा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। सिकन्द्रराराऊ विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा ने बोलते हुए कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी के चार पुत्र, अर्थात् साहिबजादे अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह, मुगल सेना ने गुरूजी और उनकी सेना पर हमला कर दिया आनंदपुर साहिब किला का संघर्ष का प्रारंभिक बिन्दु था, सिरसा नदी के तट पर एक लंबी लड़ाई के बाद परिवार विभाजित हो गया। बाद में नवाबों ने साहिबजादों के इस्लाम अपनाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और अपने धर्म के प्रति अपने प्रेम की पुष्टि की। संगोष्ठी का सञ्चालन जिला महामंत्री रुपेश उपाध्याय ने किया, कार्यक्रम में मुख्य रूप से कार्यक्रम संयोजक जिला मंत्री हरीश सेंगर, चेयरमैन श्वेता चौधरी, हर्शकांत कुशवाहा, सचेन्द्र कुशवाहा, ब्लाक प्रमुख पूनम पांडे, डौली माहौर, हरिशंकर राना, रामवीर सिंह परमार, सत्यपाल सिंह मदनावत, रामवीर सिंह भैयाजी प्रेमसिंह कुशवाहा, रामकुमार माहेश्वरी, प्रभात पचौरी, अनिल सिसोदिया, तपन जौहर, भूपेंद्र कौशिक, सुनीता वर्मा, मोहित बघेल, रामवीर सिंह माहौर, हाफिज सब्बीर अहमद, कुशलपाल सिंह पौरुष, राजेश सिंह गुड्डू, मूलचन्द वार्ष्णेय, राजपाल सिंह, नीरेश कुमार, शिवदेव दीक्षित, ध्रुव शर्मा, राजेंद्र सिंह धाकरे, हम्बीर सिंह, लक्ष्मण सिंह, कृष्ण मुरारी वार्ष्णेय, योगेन्द्र सिंह गहलौत, सतेन्द्र सिंह एवं सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे |