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सिकंदराराऊ। हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत हिंदी प्रोत्साहन समिति द्वारा एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन ममता फार्म हाउस में किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि डॉ राधेश्याम बंधु दिल्ली ने की वहीं संचालन संस्था के अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने किया ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि उदय पुंढीर ने मां सरस्वती के छवि चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
कु उन्नति भारद्वाज की सरस्वती वंदना के बाद रुड़की से पधारे महावीर सिंह वीर ने पढ़ा-
यह तो इस देश के कण-कण में बसी है यारों ,
तुम न सोचो कि यह हिंदी कभी मर जाएगी ।
तत्पश्चात गाजियाबाद से पधारीं कवयित्री गार्गी कौशिक ने पढ़ा-
” शब्दों की कूंची से बनती भावों की तस्वीर है ।
हिंदी ही हां हिंदी ही तो भारत की तकदीर है।
बाबा कानपुरी ने व्यंग्यात्मक शैली में पढ़ा-बोलोगे झूंठ जितना उतना ही नाम होगा ।
नीचे गिरोगे जितना ऊंचा मुकाम होगा।
दिल्ली से पधारे कवि डॉ जय सिंह आर्य जय ने पढ़ा-
सिर्फ यही कर पाएगी सबका बेड़ा पार।
हाथों में अब थाम लो हिंदी की पतवार।
ग्वालियर म प्र की कवयित्री डॉ मनीष गिरि ने श्री राम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर काव्य पाठ कर खूब तालियां बटोरी ।
वहीं दिल्ली के कवि डॉ राधेश्याम बंधु ने पढ़ा –
चीखें सुनेगा कौन इन बहरों के शहर में,
गुमनाम वतन की तरह लुटती है जिंदगी ।
हास्य सम्राट श्री सबरस मुरसानी ने श्रोताओं को हंसाते हसाते लोटपोट कर दिया।
वहीं कुमारी उन्नति भारद्वाज ने पढ़ा-
घर बाहर और बोलचाल तक हिंदी का विस्तार करो।
विश्व विजय हिंदी की होगी यह प्रण हमने धारा है ।
चंदौसी के कवि ज्ञान सिंह लेखपाल ने पढ़ा-
अंतर मन की धारा से बस हिंदी बोली जाती है ।
खैर के कवि धांसू खैरवी ने हास्य व्यंग्य पढ़ श्रोताओं को खूब गुदगुदाया वहीं पटियाली के कवि शरद मिश्रा लंकेश ने ओज की कविता पढ़ श्रोता में जोश उत्पन्न किया ।आगरा के कवि रामेन्द्र शर्मा रवि ने बृज भाषा में काव्य पाठ किया।
युवा कवि कुमार शिव संभव ने पढ़ा-तुमसे बिछड़ा तो संभव मुझे यूं लगा , एक भंवरा चमन से अलग कर दिया।
देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा-
धन कमा कर घर चलाना अच्छा काम है ।
पर दूसरों का दिल दुखा, ना धन कमाइए।
नगर के कवि प्रमोद विषधर एवं शिवम आजाद ने काव्य पाठ कर श्रोताओं से खूब प्रशंसा प्राप्त की।
इस अवसर पर स्वर्गीय कृष्णकांत देव गर्ग , स्वर्गीय राम अवतार सिंह चौहान स्वर्गीय प्रेमवती देवी , स्वर्गीय जय श्री राम शर्मा, स्वर्गीय बाबू ज्वाला प्रसाद सक्सेना एवं अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में कवियों को स्मृति सम्मान प्रदान किए गए ।
कार्यक्रम में डॉ शरीफ अली, देवेंद्र कुमार शर्मा चंदौसी ,महेंद्र सिंह प्रधान अरनोद , विनोद गुप्ता , सुभाष कुमार प्रधानाचार्य जी, विपिन चौहान जीवन आयुर्वेद, शिव सिंह लोधी प्रधान लिहा, रिंकू शर्मा, आकाश दीक्षित, दिलीप गुप्ता, तुलसीदास , कुमुदकांत गर्ग , शालिनी गर्ग प्रधानाचार्य, श्रीकांत गर्ग, मालती गर्ग , भानु प्रताप सक्सेना, कुलदीप पचौरी, अजय शर्मा , के एम कुलश्रेष्ठ एडवोकेट, कमलेश शर्मा सभासद , अरुण दीक्षित एड, पुष्पेंद्र पुंडीर, शीलेंद्र चतुर्वेदी अगराना, बृजेश पाठक नोटरी , हिमांश दीक्षित एड, पार्थ शर्मा एड, दीपेश पाठक एड, अवधेश , राजकुमार , हर्षित गौड, सनी भारद्वाज ,पवन वार्ष्णेय, रमेश पुंडीर, शिवेदु दीक्षित , सुनील पाठक आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

इनपुट : विनय चतुर्वेदी