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अलीगढ। भारत की अत्यंत कठिन यात्राओं में एक हिमालय की श्रंखलाओं में स्थित सतोपंथ हिमनद झील पौराणिक धार्मिक यात्रा है,22 किलोमीटर का यह पैदल ट्रैक अत्यंत दुर्गम है जहां विशाल पत्थरों एवं हिमानी से होते हुए यह यात्रा महाभारत कालीन पांडवों में से केवल धर्मराज युधिष्ठिर ही तय कर पाए थे।इसी यात्रा पर वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में गत 29 अगस्त को गए 15 सदस्यीय जत्थे के द्वारा पहाड़ों पर स्वच्छता मुहिम चलाई गयी जिसमें भारतीय विरासत को हरा भरा और स्वच्छ रखने पर जोर दिया गया।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के साथ यात्रा पर गए अन्य लोगों द्वारा बद्रीनाथ स्थित पहाड़ों पर फैले कचरे प्लास्टिक आदि वस्तुओं को इकठ्ठा किया गया और स्वच्छ पहाड़ स्वस्थ्य मानव के नारे लगाए गए।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने पहाड़ों पर हो रहे प्रदूषण को लेकर कहा कि हम लोगों का अत्यंत दुर्भाग्य है कि जिन वृक्षों की ताजी ऑक्सीजन लेने,जिन पर्वतों और पहाड़ को देखने के लिए हम समतल से यहाँ आ रहे हैं उसी पहाड़ पर पीने के पानी,भोज्य पदार्थों के प्लास्टिक आदि को छोड़कर पहाड़ों की खूबसूरती को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम कहीं सफाई नहीं कर सकते तो गंदगी फैलाने का हक भी नहीं है,हमारे अत्यधिक दोहन और पर्यावरण के प्रतिकूल कृत्य करने से आज के समय जो ग्लेशियर बड़े बड़े हुआ करते थे वहीं इस समय वह वर्फ विहीन हैं,बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग आने वाले समय के लिए अत्यंत खतरा है। परिणाम आने वाली पीढ़ी को झेलना पड़ेगा।सभी लोगों ने सतोपंथ झील पर देश का ध्वज फहराकर राष्ट्रगान किया।इस अवसर पर आचार्य गौरव शास्त्री,तेजवीर सिंह,राहुल सिंह,मोहित सिंह,शक्ति सिंह,शिब्बू अग्रवाल,उमेश सिंह,नवीन चौधरी,माधव शर्मा,कुश उपाध्याय,सौरभ आदि उपस्थित रहे।

इनपुट : विनय चतुर्वेदी