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एटा : यह सनातन धर्म के पुनर्जागरण का दौरा चल रहा है। राम मंदिर की स्थापना से एक बार फिर सनातन धर्म की प्रामाणिकता सिद्ध हुई है। भगवान श्री रामचंद्र चिर सनातन संस्कृति के वाहक, हिन्दू धर्म की आस्था के प्रतीक हैं। भगवान श्री राम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने से कई दशक पुराना संकल्प पूर्ण हुआ है। पूरे विश्व में सनातन संस्कृति का डंका बज रहा है।आज जब सनातन समाज की युवा पीढ़ी अपसंस्कृति की शिकार हो रही है, तब राम मंदिर उसे सही रास्ते पर लाने का भव्य आध्यात्मिक प्रतीक बनेगा। नई पीढ़ी को संस्कार देने की आवश्यकता है। संस्कार राष्ट्र के चरित्र को मजबूत बनाते हैं। हिंदू संस्कृति पर प्राचीन काल से ही हमलों के षड्यंत्र रचे जाते रहे हैं।
उक्त उद्गार राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने गांव इशारा स्थित सिद्धेश्वर धाम में आयोजित श्री राम कथा एवं 51 कुंडीय महायज्ञ के अवसर पर संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भगवान राम का चरित्र समाज के लिए आदर्श है । राम कथा के दौरान विस्तार से गांव वासियों को इस बारे में जानने का अवसर मिलेगा। जिस स्थान पर धार्मिक आयोजन होते हैं वहां से नकारात्मक शक्तियां किनारा कर जाती हैं और धर्म की स्थापना होती है। उन्होंने कहा कि धर्म के प्रति सभी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। खास तौर पर धर्म और संस्कृति को संभालने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी माता एवं बहनों पर है । बच्चों को संस्कारी बनाएं जिससे कि कोई भी विधर्मी बहन बेटियों को भटका ना सके। विधर्मी शक्तियों द्वारा कई बार सनातन संस्कृति को क्षति पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं । मुगल आक्रांताओं द्वारा प्रमुख धार्मिक स्थलों को तहस-नहस करके उनके स्थान पर जगह-जगह मस्जिदें बनवाईं।
इस अवसर पर श्री चतुर्वेदी ने व्यास पीठ का पूजन करके कथा व्यास पंडित पंकज मिश्रा से आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं आयोजकों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी एवं युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहित उपाध्याय तथा विनय चतुर्वेदी का फूल माला व पटका पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट करके स्वागत किया गया। मंच का संचालन आयोजन कमेटी के निर्देशक शैलेश चतुर्वेदी द्वारा किया गया।
इस मौके पर उमाशंकर तिवारी, दिनेश चौहान, मुनेंद्र सिंह चौहान, शिवनाथ भदोरिया, सकीट के चेयरमैन गौतम सिंह, उमाशंकर चतुर्वेदी , राजेश चतुर्वेदी, तरुण चतुर्वेदी, नितिन पचौरी, वंश चतुर्वेदी, अनंत चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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