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अलीगढ़ मंडल में प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद का जन्मोत्सव सविता, सैन, नंद वंश ने बड़े ही धूमधाम से मनाया। हुये जगह जगह कार्यक्रम।
सविता, सैन, नंद समाज ने ऑल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड, एसोसिएशन जनपद अलीगढ़ के बैनर तले अखंड भारत के सूत्रधार, महान प्रतापी प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद जी का जन्मोत्सव जननायक कर्पूरी ठाकुर जागृति केंद्र मुकंदपुर आगरा रोड़ अलीगढ़ व अशर्फीलाल आवासीय वृद्धाश्रम छर्रा में चैत्र पूर्णिमा गुरुवार को धूमधाम से मनाया। संस्था के पदाधिकारियों द्वारा वृद्धाश्रम में वृद्धों को फल व बिस्किट बांट कर अपने समाज के महान सम्राट महापद्मनंद जी को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रोहतास कुमार नंद, मंडल अध्यक्ष ए.आई.एम.सी.ई.ए. अलीगढ़, मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी सुधीर बाबू आर्य, अतिविशिष्ट अथिति वृद्धाश्रम संचालक अशर्फीलाल रहे।कार्यक्रम का सफल संचालन हरी किशन नंदवंशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने महापद्मनंद के जीवन चरित्र पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आज भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जिस अखंड भारत का सपना देखते हैं एवम एक देश ,एक कानून के पक्षधर हैं,वस्तुतः आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व सम्राट महापद्मनंद ने अपने बाहुबल से राज्य की सीमाओं को सुदूर तक फैलाकर,राज्य की सीमाओं को 16 महाजनपदों में विभक्त कर केंद्रीय राजधानी मगध को बनाकर केंद्रीय शासन पद्धति की नींव डाली। उनकी सेना में हजारों की संख्या में घुड़सवार,हाथी, रथ,पैदल, सैनिक थे। उनके बेटे बेटे धनानंद के भय से से यूनानी सम्राट सिकंदर घबराकर झेलम नदी को पार करने की सोच भी नहीं सका और डरकर वापिस लौट गया इसी चिंता में अपने प्राण त्याग दिए। उन्होंने अपनी सेना की तैनाती अपने राज्य की सीमाओं पर कर राज्य की सीमाओं को मजबूत किया, उनके शासन काल में प्रजा सुखी थी, तथा स्वर्ण भंडार की मात्रा इतनी थी कि उस काल को इतिहासकारों ने भारत को सोने की चिड़िया कहा, और महापद्मनंद को सभी राजाओं को पराजित करने वाला “एकराट” “सर्वक्षत्रांन्तक” की उपाधि दी। वास्तव में देश की एकता व अखंडता के लिए नंद वंश के संस्थापक महापद्मनंद का योगदान अतुलनीय है, लेकिन पिछड़ी “नाई” जाति का होने के कारण द्वेषवश तथाकथित षड्यंत्रकारी लोगों द्वारा महान प्रतापी शासक के योगदान को कमतर कर विदेशी भगोड़े शासक सिकंदर को महान बना दिया। समस्त दलित व शुद्र समाज को गर्व है कि उनके राजा ने देश को अखंड बनाने का सूत्रपात किया। इस अवसर पर भारत माता की जय, वंदे मातरम्, जय श्री राम, जय जय हनुमान के जयघोष से कार्यक्रम को भव्य बनाया। शाम को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी। समाज के वरिष्ठ समाज सेवी सुधीर बाबू आर्य, अशर्फीलाल, जगदीश प्रधान जी, हरी किशन सूर्यवंशी, यज्ञदेव श्रीवास्तव को शॉल, नंदपदक सम्मान,गुलाब की फूलमाला डालकर सम्मानित किया गया ।कार्यक्रम में उपस्थित समाज सेवी राम खिलाड़ी सविता, देवी सिंह रुहेला, राकेश वर्मा, राकेश वर्मा सेवानिवृत एडीओ पंचायत, चंद्रबोश निराला, सुरेश बाबू संभरिया, डॉ कैलाश, हर्षित प्रधान, शैलेश प्रधान, रामभरोसे प्रधान, धीरेंद्र सविता, रोहतास कुमार नंद, बनवारी लाल,डॉक्टर पुष्पकुमार, दिनेश कुमार सविता फौजी, श्रीनिवास नंद, सत्यम प्रवक्ता, डॉक्टर रवेंद्र ठाकुर, प्रवक्ता सुभाष चंद्र, प्रवक्ता राजेश कुमार, प्रवक्ता समर सिंह, आचार्य सुरजपाल राना, महावीर सिंह आदि प्रमुख लोगों को नंद पदक सम्मान से सम्मानित किया। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की गरिमामई उपस्थिति ने महापद्मनंद, व जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयघोष के नारे लगाए, व जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने तथा प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद को यथोचित सम्मान देने की मांग भारत सरकार से की।मक्का की रोटी व उड़द दाल देशी घी के साथ प्रतिभोज की व्यवस्था समाजसेवी अशर्फीलाल जी द्वारा की गई।
INPUT – DEV PRAKASH
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