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अलीगढ़ : वर्ष 2022 के समापन के साथ नए वर्ष का आगाज हो चुका है जहां लोगों ने नववर्ष के उत्सव हेतु अनेकों होटल्स और अन्य घूमने की जगह जाकर उत्सव मनाया वहीं सनातन धर्मानुरागियों ने अपने गुरुओं एवं शिवालयों में आशीर्वाद लेकर नववर्ष पर्व को मनाया। इसी क्रम में शहर के खैर रोड हरिदासपुर स्थित प्रतिष्ठित सिद्धपीठ श्री खेरेश्वर महादेव मंदिर पर वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में शिवभक्त सेवा समिति के द्वारा रुद्राभिषेक एवं प्रसाद भंडारे का आयोजन किया गया।
रविवार नववर्ष 2023 की प्रातः बेला में खेरेश्वर महादेव मंदिर पर वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री,शिवम शास्त्री,ऋषि शास्त्री,रवि शास्त्री,ऋषभ वेदपाठी,ओम वेदपाठी,गौरव वेदपाठी आदि आचार्यों ने मुख्य संयोजक मनीष बूल एवं उनकी पत्नी द्वारा प्रथम पूज्यनीय भगवान गणेश सहित शिव परिवार का दूध,फलोदक,पुष्पोदक, गंधोदक,पंचामृत आदि से अभिषेक करवाया उसके पश्चात बिल्वपत्र,शमी पत्र,धतूरा भांग,दूर्वा आदि वस्तुएं भगवान शिव को अर्पित कर श्रृंगार किया स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने इस अवसर पर अपने प्रवचनों के माध्यम से बताया कि प्राचीन समय में नववर्ष का प्रारंभ बच्चे अपने माता, पिता,गुरु,ऋषि मुनि वेदपाठी आदि के चरणों में प्रणाम कर आशीर्वाद लेकर करते थे। जिससे समाज में कोई कुरीति जन्म नहीं ले पाती थी परंतु आज की पीढ़ी धर्म के प्रति आस्था को छोड़ती जा रही है जिससे न केवल समाज में आताताइयों का वर्चस्व बढ़ रहा है वही आधुनिक वेशभूषा एवं सनातन संस्कृति के अभाव में समाज में बलात्कार और हत्या जैसे पाप निरंतर बढ़ रहे हैं। माता पिता के चरणबन्दन करना आजकल के युवाओं को शर्मिंदगी महसूस होने लगी है उसका कारण स्वयं माता पिता हैं क्योंकि बचपन के दिये हुए संस्कार को देखकर ही बच्चा सीखता है परंतु आधुनिकता की दौड़ में मातापिता समय नहीं दे पा रहे जो कि सबसे पहला दुख का कारण बन रहा है। आने वाली पीढ़ी को संस्कारित करना एक व्यक्ति का ही नहीं अपितु सभी भारतवर्ष के कर्तव्य है क्योंकि जो संस्कार हम अपने बच्चों को देंगे उनको सीख कर ही आने वाली पीढ़ी भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे। पश्चिमी सभ्यता से विकास बढ़ सकता है लेकिन संस्कृति नहीं बढ़ेगी,यह संस्कृति हमारे भारतभूमि की ही देन है,यदि अपने घर से एक बच्चे को भी अच्छे संस्कार दिए जाएं तो निश्चित रूप से भारत के हर घर से संस्कारित और विद्वान पीढियां आएंगी जो कि भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए अति आवश्यक है।
रुद्राभिषेक के उपरांत भगवान शिव की महाआरती हुई और भंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से ठा.सत्यपाल सिंह, गेहराज सिंह,डा राकेश सक्सेना,अनिल तिवारी,याशु शर्मा,सुमित, पीयूष पेंट अजय अग्रवाल संजीव किराना,मुरली तिलकधारी,बंटी चौधरी,अमित सिंघल,अजय धर्म कांटा आदि उपस्थित रहे।

vinay

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