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आज राधाकृष्ण कृपा भवन आगरा रोड के सभागार में बृज कला केन्द्र के बैनरतले साहित्यिक संस्थाओं ने गुरु गोविन्द सिंह जयंती पर विचार एवंम काव्य समारोह का आयोजन आशु कवि अनिल बौहरे के संयोजकत्व में किया।
तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि
सुधीन्द्र आंधीबाल चैन्नई सुपुत्र स्व रमेशचन्द्र आंधीबाल हाथरस को दक्षिण भारत तथा श्रीलंका में उनके द्वारा हिन्दी काव्य के प्रचार प्रसार हेतु गुरु गोविन्द सिंह जयंती सम्मान से राष्ट्रीय कवि संगम से आशु कवि अनिल बौहरे बृज कला केन्द्र से चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य संस्कार भारती से श्याम बाबू चिंतन बृज कला अकादमी से सोनाली बार्ष्णेय ने अंग बस्त्र प्रशस्ति पत्र प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु गोविन्द सिंह जी के छवि चित्र पर माल्यार्पण तथा बाबा देवी सिंह निडर द्वारा सरस्वती एवं गुरु वन्दना से हुआ।
इस अवसर पर गुरु गोविन्द सिंह के त्याग, बलिदान,शौर्य,खालसा पंथ की स्थापना से धर्म प्रचार पर चर्चा करते हुए बक्ताओं ने उनकी महानता को प्रणाम किया।
आयोजित कवि गोष्ठी में श्रीमती वीना गुप्ता एडवोकेट ने स्वागत गान अहिन्दी भाषी क्षेत्र में हिन्दी सेवक का सम्मान है। रखा जिन्होंने हिन्दी का मान है।
आशु कवि अनिल बौहरे ने कहा
टोडरमल जैन ने गुरु के प्रति सर्मपण दिखाया।
गुरु पुत्रों की अमर स्मृति में अपना
शिष्यत्व निभाया।
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने यूं पढा
गुरु महान आध्यात्मिक नेता।
प्रणाम है थे ज्ञान के प्रदेता।।
श्याम बाबू चिंतन की कविता
ज़िन्दगी में सत्य का ऐहसास नहीं
सुखी रह सकते वो विश्वास नहीं।
रिशी कौशिक, अविनाश पचौरी के बाद सोनाली बार्ष्णेय ने पढा
उलझे ख्वाबों में जिद का स्वाद हूं
सब है गगन में कैद मैं आजाद हूं।
सुकवि सुधीन्द्र आंधीबाल चैन्नई तमिलनाडु ने सम्मानोपरान्त पढा
अभिलाषा है नया स्वर्ग बनाने की
नर में राम नारी में सीता पाने की।
इस अवसर पर तमिलनाडु से पधारे श्रीमती संगीता जी एवं कु कोमल सी ए,कु चंचल,मयंक का सम्मान गिर्राज सिंह गहलोत, कपिल नरूला ने किया।भूरा पंडित,बोलो आदि ने व्यवस्था की। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी श्री राजीव आंधीबाल ने करते हुए अहिन्दी भाषी क्षेत्रों में हिन्दी सेवकों को सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। संचालन आशु कवि अनिल बौहरे ने किया।

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