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सिकंदराराऊ : नगर के मोहल्ला ब्राह्मणपुरी स्थित श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पर शिव पार्वती विवाह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री बालाजी जागरण मंडल के पंडित अरुण पचौरी एवं सोमेश भारद्वाज द्वारा शिव महिमा का गुणगान किया गया। इस अवसर पर जहां मंदिर में शिवालय का अदभुत श्रृंगार किया गया, वहीं मंदिर प्रांगण दूधिया रोशनी से जगमगा उठा। भगवान शिव व पार्वती तथा राधा कृष्ण एवं माता दुर्गा की मनोहारी झांकियों की शानदार प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। समस्त श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर झूम उठे।
श्री बालाजी जागरण मंडल के कलाकारों द्वारा आधुनिक वाद्य यंत्रों पर संगीतमय शिव पार्वती विवाह का गुणगान किया। उन्होंने अपने अनोखे भजनों द्वारा क्षेत्रवासियों को बांधे रखा।
कथा के दौरान पंडित अरुण पचौरी ने कहा कि भगवान शंकर जन मानस के सभी कष्टों को हर लेते हैं । जो जीव भगवान शंकर की उपासना करते हैं, उनका हर लोक में कल्याण है। भक्तों को चाहिए कि वह भगवान शिव का चिंतन जरूर करें। अनादि अनंत भगवान शिव कण कण में विराजमान हैं जिनकी उपासना और पूजा से जीव को मोक्ष प्राप्त होता है। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं, तो सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव उनकी शादी में उपस्थित हुए। यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बन कर पहुंचे।
राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि शिव के साथ सारी विषमता है। वे औघड़ हैं, आशुतोष हैं, देवों में महादेव हैं, रुद्र हैं, गृहस्थ हैं, महायोगी हैं, त्यागी और तपस्वी हैं, पिता है, गुरु हैं, मृत्यु हैं, जीवन हैं। भारतीय होने का अर्थ है शिव को जानना। उनके जाने बिना इस लोक को जानना असंभव है। उनकी आराधना से मोक्ष मिलता है। वे ज्ञान का वेद हैं, वे रामायण के प्रणेता हैं, संगीत के स्वर हैं । उनमें नृत्य वास करता है, जीवन को गति मिलती है। वे ऋषियों के गुरु हैं, देवताओं के रक्षक हैं। भारत ही नहीं विश्व के अन्य अनेक देशों में भी प्राचीनकाल से शिव की पूजा होती रही है। इसके अनेक प्रमाण समय-समय पर प्राप्त हुए हैं।
कथा के बाद मंच पर भगवान शिव पार्वती की महाआरती की गई। इस अवसर पर मुख्य यजमान मुनेश चतुर्वेदी एवं आशा चतुर्वेदी ने विधिविधान के अनुसार आचार्य के पावन सानिध्य में भगवान आशुतोष एवं माता गौरी की पूजा अर्चना की।
आयोजकों द्वारा पंडित अरुण पचौरी एवं सोमेश भारद्वाज का पटका उढाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मान किया गया।
इस अवसर पर किशन स्वरूप चतुर्वेदी, रमेश चतुर्वेदी, विनय चतुर्वेदी, नरेश चतुर्वेदी, मित्रेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, पंकज चतुर्वेदी, अरविंद शर्मा एडवोकेट, तरुण चतुर्वेदी, आलोक उपाध्याय , आशुतोष मिश्रा, अशोक उपाध्याय, मोहित उपाध्याय, राजेश शर्मा, बीके शर्मा , योगेश उपाध्याय , विजयवर्ती पाठक, कमलेश शर्मा, देवेंद्र दीक्षित शूल, विशाल वार्ष्णेय, इंद्रदेव पालीवाल, शरद शर्मा, अवनीश यादव, नीरज बघेल, रितेश पांडेय ,शशांक दीक्षित , उत्कर्ष पाठक, विशाल पचौरी, रवि उपाध्याय, दुर्गेंद्र तिवारी , अर्पित उपाध्याय, हर्षित चतुर्वेदी , वैभव गुप्ता, टिल्लू , अशोक दीक्षित, सुमित उपाध्याय, हरेंद्र दीक्षित आदि मौजूद रहे।
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