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बरेलीः एम्स नई दिल्ली के निदेशक पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को श्री राम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में कंप्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर पर आयोजित चार दिवसीय दूसरी वैश्विक कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्ष में कोविड महामारी के दौरान मरीजों के इलाज के लिए जब हमारे पास कोई गाइड लाइन नहीं थी। तब एक दूसरे के अनुभवों से सीख तक खुद को अपडेट करने के लिए क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों ने एक साथ अपने विचार साझा करने का विचार किया था। महामारी के दौरान ही पहली वैश्विक कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। यह कांफ्रेंस वर्चुअल आयोजित की गई। इसका सभी को फायदा भी हुआ। दूसरों के अनुभव से हमने मरीजों का इलाज शुरू किया। नए नए साक्ष्यों के सामने आने से कोविड गाइड लाइन भी अपडेट होती रही। लेकिन वर्चुअल और फिजिकल का कोई मुकाबला नहीं किया जा सकता। एसआरएमएस में कंप्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर पर पहली फिजिकल साइंटिफिक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसका सभी को लाभ मिला। इसके लिए एसआरएमएस संस्थान और इसके आयोजन कमेटी के सेक्रेटरी डा.ललित सिंह बधाई के पात्र हैं।
एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति जी ने उद्घाटन सत्र में सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पिता जी की याद में उन्होंने यह संस्थान किसी फायदे के बजाय समाज की सेवा के लिए स्थापित किया है। इसी वजह से यहां पर मरीजों को मामूली खर्च पर गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए हमारे पास विश्वस्तरीय उपकरण हैं। यही वजह रही कि कोविड महामारी के दौरान हमने बरेली और आसपास के कोविड मरीजों का इलाज तो किया ही, इलाहाबाद, कोलकता, चंडीगढ़ सहित दूसरे बड़े शहरों के भी मरीज उपचार के लिए आए। यह सब सिर्फ इस वजह से संभव हुआ कि हम मराजों का इलाज समाजसेवा मान कर करते हैं। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी भी इसी को अपने जीवन में अपनाते हैं। वे यहां डिग्री हासिल नहीं करते बल्कि उसके योग्य बनते हैं, तब उन्हें डिग्री प्रदान की जाती है। इसी वजह से वह यहां से निकलने के बाद सफल होते हैं।
इससे पहले वैश्विक कांफ्रेंस की आर्गनाइजिंग कमेटी के सेक्रेटरी और एस.आर.एम.एस. मेडिकल कालेज के रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा.ललित सिंह ने डा.मिशेल लेवी (अमेरिका), डा.रूपन आर्य (यूके), डा.क्वीरिनो पासिवोली (इटली), डा.मिशेल ओ लेरी (आस्ट्रेलिया) और डा.लिलांथी सुबासिंघे (श्रीलंका) सहित सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि “सेप्सिस” विषय की थीम पर आयोजित वैश्विक कांफ्रेंस के पहले दिन कल (गुरुवार) क्रिटिकल केयर रिव्यू कोर्स, हीमोडायनोमिक मानीटरिंग, मैकेनिकल वेंटीलेशन, प्वाइंट आफ केयर अल्ट्रासाउंड और नर्सिंग केयर जैसे विषयों पर पांच वर्कशाप आयोजित हुईं थीं। आज (शुक्रवार) पद्मश्री डा. रणदीप गुलेरिया, नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार हॉस्पिटल्स के अध्यक्ष पद्मविभूषण डा. बीके राव, मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल से डा. जे.वी. दिवातिया और डा.प्रवीण अमीन, डा.मिशेल लेवी, डा.रूपेन आर्य, डा.क्वीरिनो पासिवोली, डा.मिशेल ओ लेरी और डा.लिलांथी सुबासिंघे ने व्याख्यान दिए। वैश्विक कांफ्रेंस अगले दो दिन (15 और 16 अक्टूबर) रामनगर के जिम कार्बेट नेशनल पार्क स्थित रिवर व्य् रीट्रीट और वुड कैसल में आयोजित होगी। उद्घाटन सत्र में जेएनयू अस्पताल जयपुर से डॉ नरेंद्र रूंगटा, एआईसीसीएम के नेशनल प्रेसिडेंट डा.राजेश कुमार मिश्रा, पूर्व प्राचार्य और डीन सीएसजेयू कानपुर डा.एसके कटियार मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के डा.प्रवीण अमीन ने भी अपने विचार रखे। अतिथियों का आभार एसआरएमएस मेडिकल कालेज के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा.आरपी सिंह ने व्यक्त किया। इस मौके पर सर गंगाराम हास्पिटल के डा. बनाम्बर रे, डा.जया कुरुविला, शांतिवेद आईएमएस आगरा की डा.दीप्तिमाला अग्रवाल, सिनर्जी प्लस हास्पिटल आगरा के डा.रणवीर त्यागी, डा.विमल भारद्वाज, डा.विवेक मिश्रा, डा.सुदीप सरन, एसआरएमएस मेडिकल कालेज के डायरेक्टर आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल डा.एसबी गुप्ता, वैश्विक कांफ्रेंस की आर्गनाइजिंग कमेटी के सह सचिव डा.राजीव टंडन और डा.गीता कार्की, ज्वाइंट सेक्रेटरी डा.विमल भारद्वाज, डा.गजेंद्र पाल सिंह, डा.निपुन अग्रवाल, डा.धीरज सक्सेना, डा.संजीव शर्मा, डा.मनोज गुप्ता, डा.मोहम्मद तारिक, एडिटर डा.पियूष कुमार, वर्कशाप चेयरमैन एएमयू के डा.सैयद मोइद अहमद, ट्रेजरार डा. यतिन मेहता, सभी विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।
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