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अलीगढ़: अति प्राचीन सनातन धर्म की रक्षार्थ एवं प्रचार प्रसार हेतु दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरीपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भारती तीर्थ जी महाराज द्वारा 12 सितंबर को ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के पांच भौतिक शरीर के समक्ष अभिषिक्त हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती का श्रृंगेरीपीठ की अधिष्ठात्री देवी शारदाम्बा के मन्दिर में वैदिक मन्त्रोच्चार के बीच सोमवार को अभिषेक किया।अभिषेक करने से पूर्व शंकराचार्य भारती तीर्थ दोनों जगद्गुरुओं के सिर पर अपना हाथ रखा और संस्कृत में उद्घोषणा की कि मैं ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वरत्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के करकमलसंजात दण्डी संन्यासी उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का ज्योतिष्पीठ पर और स्वामी सदानन्द सरस्वती का पश्चिमाम्नाय द्वारकापीठ पर अभिषेक कर रहा हूं। दोनों नवनियुक्त शंकराचार्य पदों पर धर्म पताका लहराने के निर्णय को लेकर भारतवर्ष में उत्साह का माहौल बना हुआ है। जहां पूज्य स्वामी जी के भक्तों द्वारा जगह जगह धार्मिक अनुष्ठान किये जा रहे हैं वहीं अलीगढ़ शहर के प्रतिष्ठित वैदिक ज्योतिष संस्थान पर भारी संख्या में उपस्थित भक्तों ने शुभकामनाएं दी।
ज्ञात हो कि वर्ष 2007 में ही बेंगलूरु में वेदान्त भारती संस्था द्वारा आयोजित चतुष्पीठ सम्मेलन में ही ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने इन दोनों को अपने उत्तराधिकारी के रूप में श्रृंगेरीपीठाधीश्वर जी महाराज के समक्ष प्रस्तुत कर दिया था और बताया कि मेरे ब्रह्मलीन हो जाने के पश्चात् आप इन दोनों के लिए अभिषिक्त हो जाने के बाद कै सभी आवश्यक धार्मिक कृत्य सम्पन्न कराएंगे। उसी वचन का स्मरण एवं मान रखते हुए 12 सितम्बर 2022 को विधिवत् अभिषेक कर 20 दिन पश्चात् शुभ मुहूर्त में ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम हिमालय में जाकर जगद्गुरु पद पर आरूढ़ होने के पश्चात् के जो धार्मिक कृत्य किए जाते हैं उन सभी का विधि विधान से सम्पादन करने को आश्वस्त किया।
वैदिक ज्योतिष संस्थान प्रमुख पूज्य स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने नवनियुक्त शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज एवं पूज्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज को सामूहिक रूप से शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि सनातन धर्म रक्षा हेतु ब्रह्मलीन शंकराचार्य एवं पूज्य गुरुदेव स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा लिया गया यह निर्णय हम सभी सनातन प्रेमियों के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है,जहां इस पद हेतु युवा एवं योग्य तेजस्वी और अपने सरल स्वभाव के विषय में पहचाने जाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज एवं स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज निश्चित ही देश के सर्वांगीण विकास हेतु अहम भूमिका निभाएंगे साथ ही सनातन ध्वज पताका को भी सम्पूर्ण विश्व भर में फहराने का प्रयत्न करेंगे।
पूज्य स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में अनुयायियों के साथ हम स्वयं महाराज जी से मिलकर शुभकामनाएं व्यक्त करेंगे। इस महनीय अवसर पर गौरव शास्त्री, रवि शास्त्री, ऋषि शास्त्री,ऋषभ भारद्वाज, मधुर वेदपाठी, मनोज शास्त्री, अंकुश पंडित, शिवम व्यास, अमित अग्रवाल, सुबोध गर्ग, जितेन्द्र गोबिल, मनोज अग्रवाल, रजनीश वार्ष्णेय, पवन तिवारी, कपिल शर्मा, सुमित वर्मा, प्रमोद सिंह, प्रमोद गुप्ता, गणेश वार्ष्णेय, तेजवीर सिंह, शिव प्रकाश अग्रवाल, सौरव पंडित, सचिन पाण्डेय,आदि भक्त मौजूद रहे।
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