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पिछले कुछ समय से देश में बॉलीवुड के प्रति बेहद गुस्सा और नफरत देखने को मिल रही है। जहां बॉलीवुड फिल्मों की अनाउंसमेंट होते ही उन्हें बायकॉट करने की मांग शुरू हो जाती है, वहीं दूसरी ओर साउथ की फिल्मों और साउथ के स्टार्स का सोशल मीडिया पर खूब महिमामंडन किया जाता है। लोग हिंदी फिल्मों को देखे बिना ही उन्हें पूरी तरह से बायकॉट करने पर तुले हैं। इस बायकॉट की आग में अब तक आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ से लेकर अक्षय कुमार की ‘रक्षा बंधन’ और रणबीर-आलिया की ‘ब्रह्मास्त्र’ और तापसी पन्नू की ‘दोबारा’ तक झुलस चुकी हैं। हालांकि ‘ब्रह्मास्त्र’ जैसे-तैसे टिकी है। किसी को भी समझ नहीं आ रहा है जिन स्टार्स की फिल्मों को देखने के लिए जनता पागल हो जाती थी, आज वही जनता उनकी फिल्मों को देखने तक से मना कर रही है? सोशल मीडिया पर यह जो बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड चल रहा है, जिसे लेकर मिशिगन यूनिवर्सिटी के जॉयोजीत पाल ने अपनी टीम के साथ मिलकर इससे संबंधित सभी ट्विटर ट्रेंड्स की विस्तार से स्टडी की। इस स्टडी में कुछ चौंकाने वाली चीजें सामने आईं, जिसे उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया। शेयर की स्टडी और उसमें जो बातें बताई गईं, उन्हें जानकर तापसी पन्नू का भी माथा ठनक गई। तापसी ने कहा कि भारत जैसे देश में क्रिकेट और फिल्मों को दो बड़े धर्मों की तरह पूजा जाता है और इन्हें किसी तरह की नफरत से ढका नहीं जा सकता। तापसी पन्नू ने बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड पर की गई स्टडी के लिंक को रीट्वीट करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘एक ऐसा देश जो एक समय दो सबसे बड़े धर्मों यानी क्रिकेट और फिल्मों के लिए जाना जाता था, उसे तब तक एक शुद्ध और बेवजह की नफरत से ढका नहीं जा सकता, जब तक कि उसे जबरदस्ती अत्यधिक जहर के साथ फैलाया न जाए। बहुत अच्छी तरह रिसर्च की है।’जोयोजीत पाल ने अपनी स्टडी में बताया है कि उन्होंने एक अगस्त 2022 से 12 सितंबर 2022 तक के बीच बॉयकॉट बॉलीवुड को लेकर किए गए ट्वीट्स का पूरा डेटा इकट्ठा किया। इसमें सामने आया कि करीब एक लाखख 67 हजार से भी ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स ने कम से कम एक बार टैग का इस्तेमाल किया था। इनमें ट्विटर अकाउंट्स से किए गए ट्वीट्स में से 212,428 ट्वीट्स ही ओरिजनल थे, जबकि बाकी सिर्फ ट्वीट्स थे, या फिर वो ट्वीटस थे, जिन्हें कोट करके जवाब दिया गया था।

INPUT- JYOTI GOSWAMI