Visitors have accessed this post 218 times.

सिकंदराराऊ : श्री 1008 चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर सिकंदराराऊ में दस लक्षण महापर्व संपन्न होने के पश्चात क्षमावाणी पर्व को शांत बड़े हर्ष उल्लास के साथ जैन समाज द्वारा मनाया गया। जिसमें सुबह भगवान श्री 1008 चंद्रप्रभु भगवान का जीन अभिषेक एवं शांति धारा पूजन किया गया।
दसलक्षण महापर्व एक ऐसा पर्व है जिसमें आत्मा भगवान में लीन हो जाती है। यह एक ऐसी क्रिया, ऐसी भक्ति और सुध-बुध खोकर, अन्न-जल तक ग्रहण करने की सुध नहीं रहती है। इन 10 दिनों में कई धर्मावलंबी भाई-बहनें 3, 5 या 10 दिनों तक तप करके अपनी आत्मा का कल्याण करने का मार्ग अपनाते हैं। जैन धर्म में दशलक्षण पर्व का बहुत महत्व है। इसे ‘पयुर्षण पर्व’ भी कहा जाता है। इन 10 दिनों के दौरान धर्म पर अधिक से अधिक ध्यान दिया जाता है, क्योंकि यह आत्मशुद्धि करने का पर्व है, जो कि 10 दिनों तक मनाया जाता है। इसके साथ ही अंतिम दिन क्षमावाणी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
पयुर्षण के अंतिम पर्व में आता है क्षमावाणी पर्व, जो राग-द्वेष, अहंकार से भरे इस संसार में अपने-अपने हितों और अहंकारों की गठरी को दूर करने का मौका हमें देता है। हम न जाने कितने अहंकार को सिर पर उठाए कहां-कहां फिरते रहते हैं और न जाने किस-किस से टकराते फिरते हैं। इसमें हम कई लोगों के दिलों को जाने-अनजाने में ठेस पहुंचाते हैं। कभी-कभी तो हम खुद की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाते हैं।
इस अवसर पर शिव कुमार जैन, राज कुमार जैन , मनोज जैन, सुशील जैन, रिंकू जैन , मोहित जैन, विपिन जैन, रमेश चंद्र जैन , ममता जैन, सुमन जैन, रीना जैन, शशी जैन, सारिका जैन, धर्मा जैन आदि मौजूद रहे।

vinay