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सिकंदराराऊ : शनिवार को नगर के मोहल्ला ब्राह्मणपुरी पुरानी तहसील रोड स्थित शिशु शिक्षा मंदिर पेड़ वाले स्कूल में चंद्रशेखर आजाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रशेखर आजाद के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।
इस दौरान प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद के बताए हुए रास्ते पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन है। वह एक निर्भीक क्रांतिकारी थे , जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश में हुआ था। बेखौफ अंदाज के लिए जाने जाने वाले चंद्रशेखर सिर्फ 14 साल की उम्र में 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे। गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए।
उन्होंने कहा कि आजाद ने उसके बाद अन्य क्रांन्तिकारियों को लेकर सरकारी खजानों को लूटना शुरू कर दिया। अंग्रेजों ने भारत की जनता पर अत्याचार कर उनसे जो धन लूटा था, वह इन्हीं खजानों में रखा जाता था। रामप्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद ने साथी क्रांतिकारियों के साथ मिलकर ब्रिटिश खजाना लूटने और हथियार खरीदने के लिए ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन डकैती को अंजाम दिया। इस घटना ने ब्रिटिश सरकार को हिलाकर रख दिया था।
शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को चंद्रशेखर आजाद के जीवन से सीख लेने के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान इस अवसर पर प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी, शरद शर्मा, नीरज बघेल , रामकिशोर यादव, दयावती, माधुरी, भावना , किशन उपाध्याय, विशाल पचौरी, रितिक पांडेय, अनंतदेव चतुर्वेदी , उत्कर्षवर्ती पाठक, श्री कृष्ण दीक्षित, लकी शर्मा, वंदना वार्ष्णेय, अनम मलिक, अनुपम तोमर,निशा खान, निशा नाज, प्रगति गुप्ता, निशा शर्मा, प्रांजल चतुर्वेदी आदि लोग मौजूद रहे।
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