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सिकंदराराऊ : श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं क्रांतिकारी नेता श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर ब्यापारी नेता विपिन वार्ष्णेय के आवास पर विचार गोष्टि का आयोजन किया एवं श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
भाजपा नेता विपिन वार्ष्णेय ने डा. मुखर्जी को महान शिक्षाविद बताते हुए कहा कि देश व समाज के प्रति उनकी सेवाओं को देखते हुए आजादी के बाद बनी अंतरिम सरकार में डा.मुखर्जी ने उद्योग एवं खाद्य विभाग मंत्रालय का महत्वपूर्ण दायित्व मिला था। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के तमाम षड्यंत्रों को बेनकाब करने व समय रहते सचेत करने का काम किया था। बंगाल त्रासदीके दौरान डा. मुखर्जी की उल्लेखनीय सेवाएं स्मरणीय रही हैं।
उन्होंने ‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का उद्घोष कर भारत की एकता व अखंडता की अक्षुण्णता को प्रखर स्वर प्रदान किया। राष्ट्रीय एकता, अखण्डता व संप्रभूता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले, भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। उन्होंने कहा कि महान देशभक्त मानवता के उपासक, प्रखर राष्ट्रवादी थे ।उनके संघर्ष और बलिदान के कारण आज कश्मीर भारत का हिस्सा है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जय पाल सिंह चौहान, विकास वार्ष्णेय, धीरज वार्ष्णेय, विश्णु वार्ष्णेय, देवेन्द्र गुप्ता,दी सी गुप्ता,चंचल गुप्ता,दीपक सक्सेना, कन्हया वार्ष्णेय, अशोक कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।
इनपुट : विनय चतुर्वेदी