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अनेकों शुभयोगों के कारण यह होलिका रहेगी खाससिकंदराराऊ ।
फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को हर्ष और उल्लास का प्रतीक पर्व यानि होली बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। गुरुवार से होलाष्टक के साथ होली का विशेष सप्ताह भी शुरू हो गया है। इन दिनों सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को किया जाएगा। जबकि रंगों की होली 18 मार्च को मनायी जाएगी।
महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी, जो कि 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। होलिका दहन 17 मार्च, गुरुवार को है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 6 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। अवधि 1 घंटे 10 मिनट की है। रंग वाली होली 18 मार्च 2022 को है। इस दिन भद्रा पूंछ रात 9 बजकर 6 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। भद्रा मुख रात 10 बजकर 16 मिनट से लेकर 18 मार्च की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है। जो लोग परम्परागत ब्रह्ममुहूर्त में होलिका दहन करते हैं, वह शुक्रवार की प्रातः 04:30 बजे से सूर्योदय 06:58 तक दहन कर सकते है । इस बार होली पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिनमें वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग,अमृत सिद्धि योग, और ध्रुव योग मुख्य रूप से बन रहे हैं।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी ने बताया कि वृद्धि योग में किए गए सभी कार्यों से वृद्धि होती है। अतः इस योग को व्यापार के लिए काफी फायेदमंद माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ, सर्वार्थ सिद्धि योग में किये गए सत्कार्यों द्वारा पुण्य की प्राप्ति होती है वहीं ध्रुव योग से चंद्रमा और सभी राशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इन योगों के साथ इस होली पर बुध-गुरु आदित्य योग भी बनेगा, जिसमें होलिका की पूजा करने से घर और परिवार में सुख शांति बनी रहती है और संतान को दीर्घायु प्राप्त होती है। होली से जुड़े अन्य सुझावों के बारे में स्वामी जी ने बताया कि किसी भी कार्य को शुभ मुहूर्त में करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इसलिए होलिका दहन भी शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए और आज के इस दौर में प्रति व्यक्ति में कुछ न कुछ कमियां होती हैं। लेकिन इन छोटी छोटी कमियों को दूर करते हुए आपस में गले लगकर इन सभी कमियों और बुराइयों को होलिका की अग्नि में दहन करके अच्छाइयों को स्वयं के अंदर लाएं और एक सुंदर समाज का निर्माण करें । होलिका दहन के समय महिलाओं को अपना सिर ढकना चाहिए। साथ ही इस दिन मदिरा पान, तामसी भोजन को त्यागकर सात्विक भोजन, मिठाइयों का सेवन करना चाहिए। नकारात्मक शक्तियों के सक्रिय होने के कारण होली की रात्रि में देर रात तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए।

INPUT – Vinay Chaturvedi

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