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कमीशन खोरी के चक्कर में बाहर से कराई जा रहीं जांचें
गरीब मरीजों की जेंब पर पड़ रहा है भारी बोझ
बाहर से भी दवाईयां मंगाने के मामले आ रहे सामने
पिछले बर्ष ही लाखों रु कीमत की मशीनें स्वास्थ्य केन्द्र में आने के बाद भी बाहर से कराई जा रही जाँच
स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रु की जाँचे करने वाली मशीनों पर छाई धूल
आज तक जाँच कराने वाली मशीनों से नहीं होती है जाँच
योगी सरकार के फ्री इलाज़ देने के वादे हो रहे फेल
स्वास्थ्य केन्द्र में ऊंचे रेटों पर प्राइवेट मेडिकलों से कराई जाती है जाँच
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दातागंज का है जहां स्वास्थ्य केंद्र दातागंज में मरीजों की बाहर से जांच कराई जा रही है। वहीं कई मरीजों ने बातचीत में बताया कि उन्हें 150रु-से लेकर हज़ारों रु जाँचों के नाम पर पे करने पड़ते हैं।या यूँ कह लीजिए कि मरीजों को जांच कराने के लिए विवश किया जाता है ।इसके लिए उन्हें प्राइवेट लैब में जांच के लिए भेजा जाता है। जिसके उन्हें रु 200 से लेकर हजारों रुपए पे करने पड़ते हैं।वहीं मरीजों ने यह भी बताया कि उनका इलाज प्राइवेट मेडिकल की दवाइयों से होता है।हालांकि इस मामले में चिकित्सा अधीक्षक डॉ रिदेश भसीन ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मशीनें पिछले वर्ष से अस्पताल में रखी है। लेकिन उनको चालू करने के लिए कोई भी इंजीनियर आज तक नहीं आया है। जैसे ही इंजीनियर अस्पताल में आता है मशीनें चालू करा दी जाएंगी।वही बात करें स्वास्थ्य केंद्र की तो यहां लाखों रुपए कीमत की पिछले वर्ष से ही जांच करने वाली मशीने रखी है। लेकिन इन मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।देखा जाए तो इन मशीनों पर धुंध भी जम चुकी है।
INPUT – Ajay Phatak
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