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सासनी : काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ये परधर्म हैं जिसमें स्थित होने से दुःख और अषान्ति प्राप्त होती है। षान्ति, प्रेम, आनन्द, पवित्रता और षक्ति यह आत्मा का स्वधर्म है जिसमें स्थित होने से जीवन में षान्ति होती है। परिस्थिति पर स्वस्थिति से विजय प्राप्त करने से समस्याओं का समाधान होगा।
इतवार को यह विचार सासनी में रुदायन रोड़ सासनी से ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय ओम शान्ति की रैली का शुभारंभ करते वक्त बहन कोमल दीदी ने प्रकट किए। रैली का षुभारंभ चेयरमैन लालता प्रसाद माहौर ने ब्रह्मकुमारी प्रजापति के छबिचित्र पर माल्यार्पण तथा ध्वजा रोहण कर किया। रैली में बहन कोमल दीदी ने कहा कि वास्तविक धर्मग्लानि का समय अब है जब सम्पूर्ण मानवजाति धर्मभ्रश्ट, कर्मभ्रश्ट होकर स्वार्थ में अंधा होकर पाप कर्मों की ओर बढ़ चुकी है। वहाॅं तो एक दुःषासन का उदाहरण दिया जा रहा है आज तो हजारों, लाखों दुःषासन बने हुए हैं। गीता में षान्ति, प्रेम, आनन्द, पवित्रता रूपी स्वधर्म को अपनाने का आव्हान किया है और काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार रूपी परधर्म जिससे दुःख, अषान्ति होती है उसे त्यागने की चर्चा भगवान ने की है। इससे सिद्ध होता है कि भगवान ने इस कर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र पर मानव के मन में काम, क्रोध, मोह से होने वाले युद्ध पर पर विजय प्राप्त करने का मार्ग प्रषस्त किया गया है। रैली रूदायन रोड से षुरू होकर कस्बा के विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः रूदायन रोड पहुंची जहां रैली का समापन किया गया। इस दौरान पंचम बाई, कोमल दीदी ,विनोद वाष्णेय ,डॉ, शिव कुमार ,निर्मल वाष्णेय, दीपेश वर्मा आदि मौजूद थे।
इनपुट : आविद हुसैन
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