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देश में मानसून की शुरुआत हो चुकी है और कई इलाकों में भारी बारिश व बाढ़ के चलते घर और वाहनों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में अपने वाहन और मकान का बीमा कराकर इन आपदाओं से होने वाले नुकसान की काफी हद तक भरपाई की जा सकती है।
पिछले दिनों में मुंबई के वडाला इलाके में भारी बारिश के चलते सोसाइटी की एक बिल्डिंग धराशाई हो गई थी। बताया जा रहा है कि इसमें करीब 15 कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं थी। इस हादसे में कई लोगों को अपना आशियाना भी गंवाना पड़ा था, लेकिन बीमा कवर होने से उन्हें इस नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो सकती थी। विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ का पानी कार मालिकों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत होता है।
कार के अंदर पानी जाने से इसका इंटीरियर तो खराब होता ही है, इसके इंजन में भी बड़ी गड़बड़ी आने की आशंका रहती है। वैसे तो बीमा कंपनियां कार के अधिकतर पार्ट्स को कवर में शामिल करती हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बीमा लेने से पहले उपभोक्ता को सभी बातें पूर्व में ही स्पष्ट कर लेनी चाहिए।
कार इंश्योरेंस में ये सावधानी जरूरी
-वाहन मालिक ने कार में बुइल्ट-इन स्टीरियो की जगह हाई इंड स्टीरियो लगाया है तो इसके बीमा के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
-बाढ़ वाले इलाके में कार चलाने से इंजन में पानी चला जाता है, जिसे कंपनियां दुर्घटना बीमा नहीं मानतीं और आपको क्लेम से मना कर सकती हैं। इसके लिए आपको एड-ऑन कवर लेना पड़ेगा।
सोच-समझकर घर का बीमा कराएं
-होम इंश्योरेंस के तहत कंपनियां आंधी-तूफान, बाढ़, जलसैलाब सहित 12 प्राकृतिक आपदाओं से घर का नुकसान होने पर क्लेम देती हैं। इसमें मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल कारणों से होने वाला नुकसान भी शामिल है।
-अपने घर में लगाए गए सुरक्षा उपकरणों, भूकंपरोधी उपायों आदि के बारे में कंपनी को सूचना देने से आपके प्रीमियम की राशि कम हो सकती है। अपने बीमा कवर में जमीन की कीमत को शामिल न करें।
कार बीमा के प्रीमियम का गणित
मारुति स्वीफ्ट 1.2 जेडएक्सआई (पेट्रोल)
कुल बीमा कवर का मूल्य 5,95,555 रुपये
बिना एड-ऑन प्रीमियम 11,084 रुपये
इंजन सुरक्षा सहित प्रीमियम 15,556 रुपये
होम इंश्योरेंस का गणित
दिल्ली में 1500 वर्गफीट का मकान
निर्माण की लागत 4000 रुपये/वर्गफीट
कुल बीमा कवर 60 लाख रुपये
सालाना प्रीमियम 2500 रुपये
Input samriddhi