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सासनी : तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा. जय हिन्द! जैस नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125 वीं जयंती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। सरकार ने नेताजी को जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की है।यह विचार सासनी बस स्टैंड के स्थित प्रमोद रेस्टोरंेट के निकट सोलंकी बस सर्विस कार्यालय पर आजादी के दीवाने सुभाषचंद्र बोष की जयंती मनाते वक्त भाजपा नेता ठाकुर प्रेमपाल सिंहसोलंकी ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि जहां महात्मा गांधी उदार दल का नेतृत्व करते थे, तो वहीं सुभाष चंद्र बोस जोशीले क्रांतिकारी दल के प्रिय थे। इसलिए नेताजी गांधी जी के विचार से सहमत नहीं थे। हालांकि, दोनों का मकसद सिर्फ और सिर्फ एक था, नेताजी का ऐसा मानना था कि अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए सशक्त क्रांति की आवश्यकता है,। 18 अगस्त, 1945 को ताइपेई में हुई एक विमान दुर्घटना के बाद नेताजी लापता हो गए थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं भाजपाईयों ने बोष के छबिचित्र पर माल्यार्पण किया और उन्हें याद किया। इस दौरान मंडल अध्यक्ष धु्रव शर्मा, अर्चित गौतम, भुवनेश वाष्र्णेय, नवीन वर्मा, सोमेश सोलंकी, संजय ठाकुर, आदि मौजूद थे।
इनपुट :- आविद हुसैन
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