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सासनी : महर्षि वाल्मीकि को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों कि श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। वह संस्कृत भाषा के आदि कवि और हिन्दुओं के आदि काव्य श्री रामायण के रचयिता के रूप में प्रसिद्ध हैं। एक बार ध्यान में बैठे हुए शरीर को दीमकों ने अपना घर बनाकर ढंक लिया था। साधना पूरी करके जब यह दीमकों के घर, जिसे वाल्मीकि कहते हैं, से बाहर निकले तो लोग इन्हें वाल्मीकि कहने लगे।
यह बातें कस्बा में आगरा अलीगढ राजमार्ग स्थित बडे हनुमान जी मंदिर पर महर्षि वाल्मीक जयंती के मौके 108 दीप प्रज्वलित करते वक्त पर सदर विधायक हरीशंकर माहौर ने बताई। उन्होंने कहा कि महर्षि ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उच्च स्थान देने के लिए श्री रामायण गं्रथ में भगवान श्रीराम के विनम्र ओर बिना भेदभाव भरे जीवन की व्याखा की है। जिससे कोई भी समाज स्वयं को छोटा या बडा न समझे। इस दौरान मंदिर परिसर दीप ज्योति से जगमगा उठा कार्रक्रम में चेयरमैन लालता प्रसाद माहौर,ध्रुव शर्मा मंडल अध्यक्ष भाजपा, रुपेश उपाध्याय जी जिला महामंत्री भाजपा राजकुमार शर्मा जी पूर्व मंडल अध्यक्ष आलोक पचौरी जी, कोमल सिंह तोमर जी सोमेश सोलंकी आकाश वार्ष्णेय, लव तोमर, अर्चित गौतम, दीपेश वर्मा, भगवती कुशवाह पूर्व चेयरमैन पति, अनिल मिश्रा, चंद्रमोहन , अतुल जैन सभासद, प्रशांत गर्ग उर्फ भोलू, भानु प्रताप सिंह, प्रदीप गुप्ता, विपुल जैन, राधेश्याम सविता, अमरदीप, नरेन्द्र रावत . सहित तमाम भक्त मौजूद थे।
input : avid hussain