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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोंडा और फतेहपुर के जिलाधिकारी सहित कई अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने दोनों जिलाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश देते हुए पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के इस कदम से अधिकारियों के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। राज्य सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की गई है।
बयान के मुताबिक, गोंडा में सरकारी खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएं पाए जाने और वरिष्ठ स्तर पर अप्रभावी व अत्यधिक शिथिल नियंत्रण को गंभीरता से लेते हुए गोंडा के जिलाधिकारी जे. बी. सिंह और प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी राजीव कुमार को भी निलंबित किया गया है।
बयान में बताया गया है कि गोंडा के जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजय विक्रम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और पूरे मामले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अमूमन छोटे अधिकारियों को दंडित कर दिया जाता है, लेकिन वरिष्ठ स्तर पर जवाबदेही तय नहीं की जाती है। यदि वरिष्ठ स्तर पर प्रभावी सुनवाई व कार्रवाई की जाती तो कदाचित इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न होती। प्रकरण में कार्रवाई की प्रभावी मिसाल स्थापित करते हुए वरिष्ठ स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करने का फैसला लिया गया है।
इसके अतिरिक्त फतेहपुर में गेहूं खरीद में अनियमितताएं पाए जाने पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए जिला अधिकारी फतेहपुर कुमार प्रशांत को तत्काल प्रभाव से निलबिंत करने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा है कि वरिष्ठ स्तर पर जिम्मेदारी निर्धारित करना आवश्यक है, जिससे सरकार के महत्वपूर्ण कायरें को समय पर सुनिश्चित करके पारदर्शिता लाई जा सके।