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राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के नाम एसडीएम राजेश कुमार को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में रालोद के ब्रज क्षेत्र प्रभारी और जिला पंचायत सदस्य गुड्डू चौधरी, प्रदेश सचिव ईशान चौधरी और युवा जिला अध्यक्ष चौधरी महिपाल सिंह ने कहा कि अध्यादेशों को लागू कर सरकार मंडियों को खत्म करना चाहती है। अगर मंडी के द्वारा किसानों की फसल की खरीद बिक्री नहीं हुई तो एमएसपी रेट सरकार लागू नहीं कर पाएगी, जिससे किसानों को सरकार द्वारा न्यूनतम निर्धारित मूल्य भी नहीं मिल पाएगा। मंडी में होने वाला व्यापारियों का कंपटीशन भी खत्म हो जाएगा। किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। पहले जमाने की तरह ही बड़े व्यापारि औने पौने दामों में किसानों की फसल खरीद लेंगे। व्यापारी मनमर्जी तरीके से किसानों के साथ लूट करेंगे। इस कानून के लागू होने से जब सरकार भंडारण की सीमा खत्म कर देगी तब बड़े व्यापारी किसान की फसल आने पर किसानों की भंडारण क्षमता ना होने के कारण सस्ते रेट में भंडारण कर लेंगे, जिसकी वजह से वस्तुओं की कीमत बढ़ जाएगी। इससे कालाबाजारी को बल मिलेगा और किसानों को एमएसपी का रेट भी नहीं मिल पाएगा। साथ ही रोज काम आने वाली वस्तुओं के नाम पर कोई कंट्रोल ना होने पर आम उपभोक्ता हित प्रभावित होंगे। बड़े औद्योगिक घराने किसानों से उनकी उपज के संबंध में पूर्व करार कर उनको खाद बीज बीज हेतु आर्थिक मदद के नाम पर और फसल आने पर गुणवत्ता की आड़ में छोटे किसानों का शोषण करेंगे। अंततः किसान मजबूर होकर उनके यहां अपनी ही जमीन पर नौकर जैसे बन जाएंगे। इस अधिनियम में किसानों की एसएपी की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है और ना ही गन्ने की फसल के लिए एफआरपी और एसएपी का उल्लेख है। यह तीनों अध्यादेश ही किसान विरोधी हैं, इनके लागू होने के बाद किसानों का व्यापारियों व बड़े घरानों द्वारा उत्पीड़न होना शुरू हो जाएगा,किसानों की हालत जमीदारी और ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर से भी ज्यादा खराब हो जाएगी। अगर सरकार किसान विरोधी इन अधिनियमों को लागू करने पर आमादा रही तो रालोद को जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस मौके पर इशान चौधरी, दीपू चौधरी, रामसहाय चौधरी, राकेश, हरेंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, कृष्णा चौधरी, रवि चौधरी, रोहताश सिंह, हनी चौधरी, विवेक सिंह, योगेश पहलवान, बहादुर सिंह, चंद्रेश चौधरी, निहाल सिंह, विवेक सिंह, भूरा पहलवान आदि मौजूद थे।

इनपुट -: अखलेश कुमार ।