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सिकंदराराऊ : कस्बा के एक बैंक में मुद्रा लोन कराने गए युवक से 10 हजार रुपए की मांग किए जाने का मामला सामने आया है। बैंक प्रबंधक ने तो 10 हज़ार रुपए न देने पर। मुद्रा लोन की फाइल वापस कर दी। पीड़ित ने इसकी शिकायत बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक से की है। पीडित शुभम उपाध्याय निवासी हाथरस रोड सिकंदराराऊ ने शिकायत करते हुए कहा है कि उनका हाथरस रोड स्थित एक बैंक में मुद्रा लोन खाता था। जिसकी लिमिट 50 हज़ार रुपए थी। पीड़ित ने शाखा प्रबंधक से मिलकर लिमिट बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए करने का अनुरोध किया। जिसके लिए उन्होंने पुराने खाते को बंद करने के लिए 30 हज़ार रुपए जमा कराएं, उसके बाद आवेदन ले लिया। फिर फाइल में एक-एक करके कमी बताकर उन्हें पूरा करने के लिए कहा। स्टांप एवं प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने में 5000 रुपए का खर्चा करा दिया। सभी कमियां दूर करने के बाद फाइल पूरी करके उनके ऑफिस में पहुंचाने गए। तब शाखा प्रबंधक ने 10 हज़ार रुपए की मांग की । रुपए न देने पर यह कहते हुए लोन की फाइल को वापस कर दिया कि तुम्हारी प्रधानमंत्री मुद्रा लोन नहीं हो पाएगी। यदि पहले ही बता दिया जाता तो पीड़ित को न तो परेशान होना पड़ता और ना ही फालतू खर्च करना पड़ता। शिकायत को गंभीरता से ले कर उचित कार्रवाई की जाए। शाखा प्रबंधक का कहना है कि रुपए मांगने का आरोप बेबुनियाद है। इनके परिवार के पहले से ही बैंक में चार खाते चल रहे हैं, जिनमें दो एनपीए हैं ।

(अनूप शर्मा)