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आगरा में स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच लॉकडाउन के दौरान की स्कूल फीस को लेकर चल रहा घमासान अब तेज होता जा रहा है। एक तरफ अभिभावक हर हाल में फीस माफी चाहते हैं, जिसके लिए प्रशासन से लेकर कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। वहीं स्कूल हर हाल में फीस लेना चाहते हैं। ऐसे में गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद से दोनों पक्षों ने नए सिरे से रणनीति तैयार करने की शुरूआत कर दी है।
अभिभावकों की आवाज उठाने का दम भर रहे प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) ने कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। पदाधिकारियों को गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले से दम मिली है। लिहाजा वह भी लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंदी में फीस न वसूलने की मांग को लेकर कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। साथ ही उनकी मांग यह भी रहेगी कि अॉनलाइन कक्षाओं के संचालन की स्थिति में सिर्फ आधी ट्यूशन फीस ही ली जाए।
वोसा ने कहा नो स्कूल नो बिल
वही दूसरी तरफ विद्यालय प्रबंधक भी संस्थान आर्थिक स्थिति व शिक्षकों के वेतन के लेकर परेशान हैं। वॉइस अॉफ स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राहुल राज का कहना है कि एक तरफ सरकार का आदेश है कि कोई बच्चा फीस नहीं देता, तो उसे ऑनलाइन क्लास से नहीं हटाना है, न विद्यालय से नाम काटना हैं।
फीस के लिए भी कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्कूलों द्वारा विद्युत बिल न भरने की स्थिति में विद्युत कनेक्शन काटने की धमकी दी जा रही है। सरकार के नियम नियम है और हमारे नियम कुछ नहीं। इसलिए वोसा की घोषणा है कि यदि अभिभावक “नो स्कूल-नो फीस” अभियान चला सकते हैं, तो वोसा भी “नो स्कूल-नो बिल अभियान चलाएगा |
INPUT – Mahipal singh