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20 जुलाई के बाद फिर से किया जाएगा धरना..-विवेकशील राघव

सिकंदराराऊ – एक ओर केंद्र व राज्य सरकार 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन देने के लिए प्रतिबद्ध है । वहीं पूरे जनपद में राशन माफियाओं ने लूट मचा रखी है। जनशिकायतों पर कार्यवाही किये जाने के स्थान पर प्रशासन द्वारा शिकायतकर्ताओं को टालने व उनके दमन के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त बातें कर्मयोग सेवा संघ के अध्यक्ष विवेकशील राघव ने अपने कार्यालय पर बुलाई पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
श्री राघव ने कहा कि उनके संगठन ने 2 जून को राशन माफियाओं की कारगुजारियों से संबंधित प्रेसवार्ता कर प्रशासन को कार्यवाही करने के लिए कहा गया था। 9 जून को उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की माँग दोहराई गई। कार्यवाही न किए जाने की स्थिति में 15 जून से धरना देने के विषय भी अवगत कराया गया था। प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते संगठन द्वारा 15 जून से धरना आरम्भ किया गया । जिसमें सामाजिक दूरी आदि का भी पालन किया गया था । इसी दिन एक पत्र जिलाधिकारी के नाम उपजिलाधिकारी कार्यालय को दिया गया। 16 जून को भी धरना जारी था । उसी दौरान बड़ी संख्या में आई कोतवाली पुलिस ने धरने से विवेकशील समेत तीन पीड़ितों को भी गिरफ्तार कर लिया। बाद में समाज और संगठन के नैतिक दबाव के चलते जाँच समिति का गठन कर गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया। जाँच समिति में भी दोषी अधिकारी का नाम रखा गया । जिसके सम्बन्ध में भी संगठन ने 18 जून को निष्पक्ष जाँच हेतु गठित की गई समिति पर लिखित आपत्ति की। इस सब के बाबजूद भी संगठन जाँच में सहयोग के तत्पर रहा। किन्तु जो जांच 22 जून तक ही पूरी कर ली जानी थी । उसे आज तक भी पूरा नहीं किया गया।
उन्होंने कहा है कि महीनों से चले आ रहे विषय पर प्रशासन का रवैया दोषियों को बचाने और पीड़ितों व आंदोलकारियों का दमन करने का रहा है और इस पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी जनकल्याण की सोच रखने वाली सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है। यदि 20 जुलाई तक निष्पक्ष जाँच कर दोषी अधिकारियों व राशन माफियाओं पर कार्यवाही नहीं की गई तो संगठन पुनः धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। किसी भी दमनात्मक कार्यवाही से संगठन के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को रोका नहीं जा सकता। वहीं शिकायतकर्ता पोरा निवासी हरिओम वर्मा तथा चित्तरपुर निवासी लाखन सिंह ने बताया कि उन्हें दबंगों द्वारा शिकायत वापस लेने और घर बैठ जाने के लिए दबाव में लेने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यवाही न होने के कारण राशन माफियाओं का हौसला बढ़ता जा रहा है।

(अनूप शर्मा)