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हाथरस : जनपद के मशहूर चित्रकार भेद प्रकाश सिंह हाथरसी ने एक बार फिर हाथरस जनपद का नाम रोशन किया है.
चित्रकार हाथरसी को कला जगत में अर्जित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियों के आधार पर सागर कला भवन अयोध्या द्वारा स्वदेश के अनमोल रत्न सम्मान से नवाजा गया
चित्रकार हाथरसी वर्तमान समय में अपने आवास पर ही अनवरत कला साधना में रत रहते हैं तथा लोग डाउन के समय में अनेक पेंटिंग्स का सृजन किया है
चित्रकार हाथरसी ने कहा कि
कला मानव के चरित्र निर्माण में अहम भूमिका निभाती है जीवन को हर्ष और उल्लास से परिपूर्ण कर देती है प्रत्येक मनुष्य के अंदर कोई ना कोई विशेष कलात्मक प्रतिभा होती है बस उसका स्वरूप अलग अलग हो सकता है पर कला की सारी विधाओं का मूल उद्देश्य आनंद प्राप्त करते हुए उस परम सौंदर्य में खो जाने का होता है जो संसार का मूल है इतिहास गवाह है जब जब संसार में अंधकार निराशा का वातावरण व्याप्त हुआ है तब तब कलाओ ने सूरज की भांति अपने प्रखर प्रकाश से मानव मन को आशाओं से परिपूर्ण किया है उसके अंदर जीवन जीने की इच्छा जगाई तथा जीवन कितना अनमोल है उसके सतरंगी स्वरूप को भी दिखाया दोनों विश्व युद्धों के समय कला ने किस प्रकार से युद्ध की विभीषिका के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दी यह कला इतिहास में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है जब लोग युद्ध से भयभीत हो रहे थे उनके मन में घोर निराशा घर कर चुकी थी उस समय कला ने उन्हें शांति और आशा की उमंग जगाई रखी
आज कारोना काल में भी पेरिस की गलियों में संगीत के माध्यम से वहां के निवासियों में उल्लास का निर्वाह किया जा रहा है ऐसा ही कुछ हमारे प्यारे भारत वर्ष में भी देखने को मिला है विभिन्न प्रकार के कलात्मक माध्यमों के द्वारा लोगों को इस समस्या के विषय में सूचित किया जा रहा है तथा एकाकीपन को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही ही देश के कई विश्वविद्यालयों एवं अकादमी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के द्वारा भी इस प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर आज आप विभिन्न प्रकार के कलात्मक पहलुओं को देख सकते हैं उनमें भले ही हास परिहास का भाव निहित हो पर मनुष्य की अंतर वेदना का कहीं ना कहीं भाव उभर कर आ ही जाता है वह अपनी भावना को किसी भी रूप में व्यक्त कर अपने हृदय को निर्मल बनाता है शायद यही प्रक्रिया है जो मनुष्य को मनुष्य बनाती है इसी विशेषता के कारण कलाएं सदैव मानव की संगिनी रही हैं उसके सुख-दुख में सदैव बराबर की सहभागी बनकर साथ चलती आ रही है कोरोना काल में भी कलाओं ने मनुष्य को धैर्य बधाने का काम किया है और उसके हृदय में व्याप्त निराशा आशा में बदल दिया है इन सब परिस्थितियों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जब तक संसार में कला रहेगी तब तक मानव जीवन रहेगा
सागर कला भवन अयोध्या के संस्थापक एवं निदेशक एस बी सागर ने चित्रकार हाथरसी को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए कहा देशभर में कला और कलाकारों को प्रोत्साहन देने वाली प्रसिद्ध संस्था सागर कलाभवन को
चित्रकार हाथरसी पर गर्व है
चित्रकार हाथरसी की इस उपलब्धि पर पूरे जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई तथा क्षेत्र व जनपद वासियों ने चित्रकार हाथरसी को इस उपलब्धि की बधाई दी ।
इनपुट : राजदीप तोमर
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