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जालौन में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। आज सुबह साबरमती अहमदाबाद से 1190 मजदूरों को ट्रेन के द्वारा भेजा गया। जालौन केउरई स्टेशन पर यह ट्रेन साबरमती से चलकर हमीरपुर जानी थी। लेकिन रेलवे ट्रेक पर काम चलने के चलते इस ट्रेन को डायवर्ट करते हुये उरई भेजा गया। अबउरई से जिला प्रशासन के द्वारा इन सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर इनको सरकारी बसों के द्वारा अपने अपने गृह जनपद भेजा जा रहा है। लेकिन आज सरकार की कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क देखा गया। सरकार के द्वारा लगातार यह बताया जा रहा था कि किसी भी प्रवासी मजदूर से रेलवे के द्वाराकिराया नही लिया जायेगा। लेकिन हकीकत कुछ और ही वया कर रही है। ट्रेन से आये मजदूरों ने मीडिया के सामने अपनी पीड़ा बताई। मजदूरों ने बताया कि किस तरह से उनकी मजबूरी का सरकारों के द्वारा फायदा उठाया जा रहा है। ट्रेन से आये मजदूरों ने बताया कि ट्रेन से सरकार ने भले ही उन्हें घर भेजने का काम किया है लेकिन इसके लिये उनसे टिकिट के पैसे लिए गये है और रास्ते मे रेलवे के द्वारा उन्हें खाने पीने के लिए भी कुछ नही दिया गया है। सभी मजदूर कल से ही भूंखे है। और तो ओर उन्हें साबरमति रेलवे स्टेशन तक आने के लिये बस के भी रुपये तक चुकाने पड़े जबकि मजदूरों को स्टेशन तक लाने के लिये राज्य सरकार को ये व्यवस्था करनी चाहिए थी कि उनसे कोई भी पैसा न लिया जाय। मजदूरो से रेलवे स्टेशन पहुचने से पहले ही बस में ही 610 रुपये के लिए गए बाद में उन्हें रेलवे स्टेशन पर टिकिट उपलब्ध कराया गया।