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सिकन्दराराव( हाथरस): कर्मयोग सेवा संघ के संस्थापक अध्यक्ष विवेकशील राघव के संयोजन व युवा समाजसेवी दिनेश बघेल के आयोजन में ग्राम सिंधौली में एक विराट कवि सम्मलेन और सर्वसमाज के होली मिलन का कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता शिशुपाल सिंह चौहान ने तथा संचालन मुनीप्रताप सिसौदिया ने किया।
कवि सम्मलेन में देश भर से आये कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में सुखदेव पांडेय सरल हरदोई ने माँ की महिमा में काव्यपाठ किया। मुकेश मीत बरेली ने कविता पढ़ते हुए कहा- रंग डालना मगर कोई बेरंग हो न जाए। होली की हसरतों में हुड़दंग हो न जाए।
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प्रशांत वाजपेयी शाहजहांपुर ने कविता के माध्यम से कहा-शब्द सलोने भारत माँ की आँखों मे जल जाते हैं
भीम नकुल सहदेव युधिष्ठिर के हाँथों छल जाते हैं
मर्यादा के राम जहाँ जब जब घालक हो जाते है
शब्द शब्द मेरी कविता के प्रतिपालक हो जाते है । प्रेमसागर प्रेम नोयडा ने कविता पढ़ी- हे सूर्य तुम्हारा अभिनन्दन। भुवनेश चौहान चिंतन खैर ने भक्ति और ओजपूर्ण कवितापाठ किया। ओमप्रकाश सिंह एड. ने कविता के माध्यम से देशभक्ति का संदेश दिया। बलवीर सिंह पौरुष ने पढा- मुल्क तेरा मुरीद हो जाता, जंग में तू शहीद हो जाता। विवेकशील राघव ने पढ़ा- कभी जिंदगी में अंधेरे मिलेंगे। कभी जिंदगी में सवेरे मिलेंगे। जहर से भरा साँप है आदमी में, इसी आदमी में सपेरे मिलेंगे। शिवम आजाद ने कविता पढ़ी-मेरे देश की सरहदों का सिपाही; उठा शीश दुश्मन से ये कह रहा है
तुम्हारे वतन में लहू बह रहा है;
हमारे लहू में वतन बह रहा है ।। कवि सत्यप्रकाश सत्य ने कविता पाठ के माध्यम से माँ की महिमा का वर्णन किया।
इस अवसर पर राजकुमार सिंह राघव, जयवीर सिंह परमार, विनय पचौरी, उमेश शर्मा, योगेश कुमार, अमित कुमार, विजय कुमार, नरेश बघेल, सतेंद्र सिंह चौहान, जसराम सिंह, रामवीर सिंह, भूरी सिंह, जगदीश सिंह, हरिओम सिंह, ओमवीर सिंह, वीरेश बघेल, जुगेंद्र सिंह चौहान, प्रेमबाबू बघेल, धर्मवीर सिंह आदि सहित सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे।
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