Visitors have accessed this post 42 times.

सिकंदराराऊ : मनकामेश्वर मंदिर ट्रस्ट भैकुरी द्वारा मंदिर परिसर में गायत्री महायज्ञ किया गया। तत्पश्चात शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
पूर्व सेना अधिकारी एके विद्यार्थी, रामवीर सिंह, भाजपा नेता मुकेश चौहान ,उदय पुंढीर के प्रतिनिधि पुष्पेंद्र पुंडीर एवं सुशील राघव सहकारी दुग्ध संघ चेयरमैन प्रतिनिधि तथा ओमप्रकाश गुप्ता पुरदिलनगर व सत्य प्रकाश शर्मा ने मां सरस्वती के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संचालन प्रख्यात कवि देवेंद्र दीक्षित शूल ने किया। सेना शिक्षा कोर बैटरन्स संगठन दिल्ली द्वारा सभी कवियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
श्रीमती सीमा पुंढीर की सरस्वती वंदना के बाद फरीदाबाद हरियाणा के कवि धर्मेश अविचल ने पढ़ा -तन पर खादी के वसन, भाषण लच्छेदार। आग लगाते द्रोह की भारत में गद्दार ।
भरतपुर राजस्थान के कवि जयकुमार जय ने पढ़ा -पिट गये प्यादे हमारे ओए क्या बात हो गई। जब से आया यह मोदी खडी खाट हो गई ।
पटियाली के कवि शरद मिश्र लंकेश ने पढ़ा – मैं क्षमा याचना करता हूं । मैं विभीषणों से डरता हूं ।
देवेंद्र दीक्षित शूल ने मुफ्त खोरी पर पढ़ा- सौ रुपए का मुफ्त मिले कुछ तो हजार का छोड़ें काम । इतना प्यार हमें हराम । जय रघुनंदन जय सियाराम।
बरेली के कवि रोहित राकेश ने पढ़ा-सनातन पूजता बनता वो निर्भय। बोलो यज्ञ भगवान की जय। अलीगढ़ के कवि मनोज नागर ने पढ़ा- तरु न उगे बिन भूमि के है यह ईश विधान ।
कलियों बिन संभव नहीं फूलों की मुस्कान।
वहीं प्रमोद विषधर.ने पढ़ा -दुर्योधन की दोस्ती धूमिल छवि कर देत। रुड़की उत्तराखंड से पधारे कवि महावीर सिंह वीर के मुक्तक व गीत खूब सराहे गए वहीं राम राहुल टूंडला ने हंसाते हंसाते लोगों को लोटपोट कर दिया ।
इनके अलावा डॉ दत्तात्रेय द्विवेदी एवं डॉ सतेन्द्र भारद्वाज आभाष की कविताओं को भी खूब सराहा गया।
कार्यक्रम के आयोजक सत्य प्रकाश शर्मा ,पूर्व प्रधान राकेश शर्मा, कपिल पालीवाल, सुरेश चंद्र सिंह एडवोकेट, पुष्पेंद्र शर्मा, सुदेश पालीवाल, बिंदु महाराज, आदि ने कवियों का सम्मान किया वहीं कवयित्री सीमा पुंडीर का मधुबाला, विमला,शर्मिला ,आरती आदि महिलाओं ने सम्मान किया।
इस अवसर पर धीरज कुमार गोस्वामी , सुदेश पालीवाल, जयप्रकाश पालीवाल, जगदीश प्रसाद, समरवीर सिंह, प्रदीप जी, टिंकू, संजू, जगदीश कुमार ,चरण सिंह, सिद्धांत शर्मा, भोला ठाकुर आदि सैकड़ों पुरुष एवं महिलाओं ने काव्य रसपान किया।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

यह भी देखें :