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अलीगढ : खैर रोड स्थित गाँव लोधा में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में 108 कुण्डीय सामूहिक महायज्ञ का आयोजन किया गया।
मंगलवार को प्रातः परम पूज्य स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के निर्देशन में आचार्य गौरव शास्त्री,रवि शास्त्री,ऋषि शास्त्री एवं ओम वेदपाठी आदि आचार्यों द्वारा कथा में सम्मिलित होने वाले यजमानों के साथ अन्य ग्रामीणों द्वारा 108 कुण्डीय महायज्ञ में आहुतियाँ दिलवायीं।यज्ञ से पूर्व गणेश,गौरी,भूमि एवं नवग्रह आदि देवताओं का ध्यान किया गया और वैदिक मन्त्रोंच्चार के साथ स्तुति पाठ भी किया गया।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए कहा कि सनातन संस्कृति में यज्ञ का विधान प्राचीन काल से चला आ रहा है किसी भी कार्य से पूर्व राजा महाराजा भी यज्ञ भगवान से अनुमति लेकर कार्य आरम्भ करते थे,वहीं अलीगढ जनपद के लोधा क्षेत्र में कथा व्यास पूज्य मीरा समदर्शनी जी के मुखारविन्दु से होने वाली श्रीमद भागवत कथा के सकुशल आयोजन हेतु यज्ञ नारायण भगवान द्वारा आशीर्वाद लेकर सभी यजमानों द्वारा आहुतियाँ डाली जा रहीं हैं,जिससे निर्विघ्न आयोजन संपन्न होगा। सांय कालीन बेला में कथा व्यास ने श्रीमद भागवत कथा के महत्व के बारे में बताया कि श्रीमद्भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। यह भागवत की कथा भगवान की कृपा से प्राप्त हो पाती है। श्रीमद्भागवत की कथा भगवान की प्राप्ति कराने वाली है। यह कथा मृत्यु के भय को दूर करके भगवान की और आगे बढ़ाती है और भक्ति के साथ-साथ हमारे ज्ञान वैराग्य को बल देती है।श्रीमद्भागवत में भक्तों की ऐसी दिव्य कथाएं हैं जिनको सुनकर हृदय में भक्ति का उदय होता है और साथ ही साथ मनुष्य के जीवन में सुधार होता है। वह मनुष्य अपना जीवन तभी पूर्ण कर सकता है जब वह भगवान की भक्ति करेगा।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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