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अलीगढ : देशभर में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। कई वर्षों बाद इस बार जन्माष्टमी अनेक शुभ योगों में मनायी जाएगी। वैदिक ज्योतिष संस्थान के सचिव गौरव शास्त्री ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि मथुरा नगरी स्थित कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में जन्म लिया था। वैसी ही परिस्थितियां आज जन्माष्टमी पर्व पर देखने को मिल रहीं हैं।
स्वामी पूर्णानंद पुरी महाराज जी ने बताया ज्योतिष के अनुसार आज प्रातः 3:39 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारंभ होकर कल प्रातः 02:19 मिनट तक रहेगी,निशीथ समय आज रात्रि 12:06 मिनट से 12:51 मिनट तक लगभग 45 मिनट तक रहेगा।चंन्द्रोदय समय रात्रि 11:20 मिनट रहेगा। रोहिणी नक्षत्र आज सांय 03:54 मिनट से कल सांय 03:37 मिनट तक रहेगा। इसी के साथ चंद्रमा का वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में होने से बेहद दुर्लभ और शुभ संयोग जयंती योग भी वर्षों बाद बन रहा है,यह योग विजय दिलाने वाला योग भी कहा जाता है। मान्यता अनुसार जयंती योग में भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं तथा शक्ति, ऐश्वर्य और सुख की प्राप्ति होती है। चंद्रमा का गोचर कल रात्रि 10:30 मिनट पर वृषभ राशि में हो चुका है,जहां पहले से ही गुरु ग्रह विराजमान है।ऐसे में गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है जो कि आज पूरे दिन रहेगा।कृतिका नक्षत्र का संयोग दोपहर 03:54 मिनट तक,हर्षण योग का निर्माण रात्रि 10:18 मिनट से हो रहा है। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग संध्याकाल 03:55 मिनट से हो रहा है। इस योग का समापन 27 अगस्त 05:57 मिनट पर होगा। इसके अलावा इस दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है।
गौरव शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण की पूजा के विषय में बताया कि मध्य रात्रि शुभ संयोग में श्री कृष्ण के बालरूप विग्रह की दूध,दही,घी,शहद,बूरा एवं पंचामृत से अभिषेक करवाकर सुन्दर स्वच्छ पोशाक पहनायें उसके बाद रोली चावल आदि से श्रंगार कर भगवान श्री कृष्ण के नामों से अर्चन करके गोपाल सहश्रनाम स्तोत्र का पाठ करें चंन्द्रोदय के उपरांत अर्घ्य देकर महाआरती करें।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
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