Visitors have accessed this post 236 times.
पथवारी माता मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आखरी दिन की कथा व्यास आचार्य सुभाषचंद्र दीक्षित ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए। सातवें दिन कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया।
मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास आचार्य सुभाषचंद्र दीक्षित ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए। यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे । द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना । प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे । सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की इसके बाद अग्रवाल परिवार द्वारा प्रसाद वितरण किया गया।
इस अवसर पर धर्मेंद्र शर्मा , प्रधान संगठन के जिला उपाध्यक्ष बबलू सिसोदिया बीरो लाला , गुरु चेतन शर्मा, बृज बिहारी कौशिक , आचार्य शिवकुमार शुक्ला शास्त्री , जगदीश कश्यप पुजारी जी, उमेश वार्ष्णेय”सरकोड़ा”, गिरधारी लाल कासगंज, राजेश शर्मा ,दिलीप ठाकुर, निधीश राज, पारस शर्मा , मंजू शर्मा , भावना शर्मा , वीना मलिक , मीरा महेश्वरी शालू विकास , वैष्णवी शर्मा, खुशी गुप्ता, रूपाली, कृष्णा, पायल, सौरभ , ममता शर्मा, विनय शर्मा, महेश गुप्ता आदि मौजूद थे।
INPUT – VINAY CHATURVEDI
यह भी देखें:-