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पुरदिल नगर ( सिकंद्राराऊ) : नगला कटैला स्थित काली माता के मंदिर पर भागवत का शुभारंभ करते हुए आचार्य पंडित गणेश चंद्र वशिष्ठ जी ने भक्ति ज्ञान और वैराग्य के विषय में बताया कि जीवन की तीन ही सीढ़ी है पहले भक्ति दूसरी ज्ञान तीसरी वैराग्य और चौथी तृप्ति अगर यह नहीं है जीवन में तो व्यक्ति बैरागी नहीं रागी माना जाता है ब्रह्मा विष्णु महेश यह तीन त्रिदेव हैं गंगा जमुना सरस्वती यह हमारी तीनों नदियां है पाताल पृथ्वी और आकाश यह हमारी तीनों हर जगह तीन का ही वर्णन है इसलिए तीन का निषेध नहीं है इला पिंगला सुषमना आदि नदिया सत रज तम तीनों गुणों से जो परिपूर्ण व्यक्ति है उसके विषय में बहुत कुछ वर्णन बताया साथ ही बैकुंठ का वर्णन किया और बताया कि बैकुंठ क्या है विकुंठा इति बैकुंठ। जहां मन में कोई भी कुंठा जन्म ना ले एक दूसरे के प्रति ईर्ष्या का भाव ना हो वही सबसे बड़ा बैकुंठ है इसी क्रम में आज कथा केआयोजक सभी भक्तगण ग्रामवासी जिसमें रमेश चंद पुंडीर जी विनीत कुमार माहेश्वरी एवं मंदिर के महंत परमानंद जी महाराज और परीक्षित श्री सतपाल सिंह , यज्ञपती पंकज सिंह जी साथ ही सिकंदरा राऊ से आई हुई बहन चंद्रावती जी तथा गांव क्षेत्र के सभी लोगों ने बढ़-चढ़ करके भाग लिया और 101 कलश यात्रा नहर से लेकर के गांव तक मंदिर तक तपती हुई दुपहरी में कन्याओं ने पूर्ण सहयोग दिया व्यास जी डॉ पंडित गणेश चंद्र वशिष्ठ जी के साथ बृजमोहन शर्मा ,लल्ला गुरु, सीताराम जी, आचार्य जितेंद्र वशिष्ठ जी ,कार्य क्रम सराहनीय रहा ।

इनपुट : पुष्पकांत शर्मा