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सिकंदराराऊ : ग्राम निहालपुर अगसौली चौराहा पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन महेश यादव संघर्षी अध्यक्ष सहकारी संघ लि. अगसौली ने शामिल होकर व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया एवं कथा का श्रवण किया। साथ में अखिलेश शास्त्री, रघुराज सिंह, नत्थू सिंह, प्रेमपाल पहलवान, कालीचरन, धर्मेन्द्र ने साफा व राधे राधे का पटका पहनाकर पूज्य श्री केहर सिंह का सम्मान किया ।
कथावाचक केहर सिंह व पुष्पेन्द्र शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म का क्षय होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब श्रीकृष्ण धर्म की रक्षा करने के लिए अवतार लेते हैं। जिस तरह भगवान बार-बार धर्म की रक्षा करने के लिए धरती पर आते हैं तो मनुष्य को भी अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। मनुष्य भले ही भगवान राम जैसा न बन पाए लेकिन उनके विचारों को अपने जीवन में जरुर अनुसरण कर सकता हैं। मानव को अपनी पहचान अपने चरित्र से बनानी चाहिए। संसार में मनुष्य के पास सब साधन हैं पर चरित्र नहीं है तो सब बेकार है। चारित्र नहीं होने पर मनुष्य नरक में प्रवेश करता है। धन से कभी भी शांति नहीं मिलती है। धन से सुख-वैभव तो खरीदा जा सकता है परंतु शांति नहीं। सबसे पहले मनुष्य को अपने मन में शांति खोजनी व धारण करनी होगी, तभी बाहर शांति हो सकती है सच्चा मित्र वही होता है जो बुरे समय में अपने मित्र के साथ खड़ा होता है। जो मित्र निष्काम भाव से अपने मित्र सुख दुख में काम आते हैं, ऐसे मित्र ही अपेक्षा रहित होकर सच्चे मित्र कहलाते हैं।
श्रीमद् भागवत कथा में सुनहरी लाल यादव प्रधान, विनोद कुमार, वीरपाल सिंह, सुनील, सर्वेश कुमार , मनवीर सिंह बीडीसी, डा प्रमोद कुमार, महेन्द्र सिह, सतेन्द्र, राजू कुमार, रवि ठाकुर, कालीचरन, रघुराज सिंह आदि मौजूद थे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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