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पुरदिलनगर : फूल डोल मेला में अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया । जिसकी अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय गीतकार डॉ. अजय अटल ने तथा संचालन हास्य के राष्ट्रीय कवि लटूरी लठ्ठ ने किया । सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन मेला कमेटी एवं आगुन्तक बन्धुओं द्वारा किया गया । ततपश्चात कविता की रसधार बही जिसमें रायबरेली के कवि नीरज पांडे ने राम पर पढा-

जाओ दर्शन कर लो जाकर आज पुण्य धाम का ।
बन गया है भव्य मंदिर आज अपने राम का ।।

लटूरी लठ्ठ ने पढ़ा-
रूपवती गुडवती अती मधुबाला
मन को भाई गई ।

बाबूलाल ढिंगिया भरतपुर ने पढ़ा:-
रावण को जलाने से अच्छा है ।
देश के बेईमानो का पुतला जलाओ ।

हेमा पांडेय लखनऊ ने होली गीत पढ़ा-
मेरी चुनरी को कर गयो लाल ।
पिया रंग डाल गयो……….. ।

मणि मधुकर मूसल ने आनंद में पढ़ा-
छोटी मोटी हो चाहे वो गोरी हो या काली ।
सबकी हो एक साली सभी बजाओ ताली ।

डॉ. अजय अटल ने पढ़ा-
नयन में सागर है वरना ।
अश्रु नमकीन नहीं होते ।।

कवि शिवम आज़ाद ने पढ़ा-
मेरे गालों को छूती है तो ये महसूस होता है ।
हवा इस शहर की माँ के सुखद स्पर्श जैसी है ।।

बाल कवयित्रि उन्नति भारद्वाज ने चंद्रशेखर आज़ाद को नमन करते हुए कविता पढ़ी । इस मौके पर सुरेश चन्द्र आर्य,बंटी आर्य,अनिरूद्ध व्याणी,सोनू व्याणी,वरूण राठी,शशी भारद्वाज,डा0 अरविन्द भारद्वाज,हरीश गोयल,सचिन दीक्षित,बोबी जाखेटिया,विनीत,जाखेटिया,जगन्नाथ राठी,एवं सैकड़ो की संख्या में श्रोता मौजूद रहे ।

INPUT – PUSHPKANT SHARMA

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