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चारों प्रहर की विशेष पूजा कर मनाएं भगवान शिव को : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी
अलीगढ। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाई जाती है, मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी प्राकट्य हुआ था। इस बार यह पर्व 8 मार्च शुक्रवार को मनाया जा रहा है। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शुक्रवार 8 मार्च को सांय 09:57 से 09 मार्च सांय 06:17 मिनट तक रहेगी। शिवरात्रि पर चार प्रहर में चार बार पूजन का विधान आता है, इसलिए चार बार रुद्राभिषेक भी संपन्न करना चाहिए। पहले प्रहर में दूध से शिव के ईशान स्वरूप का, दूसरे प्रहर में दही से अघोर स्वरूप का, तीसरे प्रहर में घी से वामदेव रूप का और चौथे प्रहर में शहद से सद्योजात स्वरूप का अभिषेक कर पूजन करना चाहिए। प्रथम प्रहर शुक्रवार सांय 06:25 से रात्रि 09:28 तक,दूसरे प्रहर की पूजा का मुहूर्त रात्रि 09:28 से 9 मार्च मध्य रात्रि 12:31 तक।तीसरे प्रहर की पूजा 9 मार्च मध्य रात्रि 12:31 से प्रातः 03:34 तक वहीं चतुर्थ प्रहर की पूजा 9 मार्च को ही प्रातः 03:34 से 06:37 तक रहेगी।महाशिवरात्रि की रात महासिद्धिदायिनी होती है, इसलिए उस समय किए गए दान और शिवलिंग की पूजा व स्थापना का फल निश्चित रूप से मिलता है। स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज के अनुसार भगवान शिव की पूजा अत्यंत सरल और सहज है मात्र एक लोटे जल से ही प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं,अतः रात्रि प्रहर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यंत आवश्यक है। दूध,दही,घी,शहद,बूरा एवं मिश्रित पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक एवं गंगाजल स्नान कराने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है,शमी पत्र,बिल्ब पत्र और भाँग भी अर्पित करनी चाहिए। साथ ही जो व्यक्ति वर्ष भर की मासिक शिवरात्रि का व्रत न कर पाएं वह केवल महाशिवरात्रि व्रत करने मात्र से सम्पूर्ण मासिक शिवरात्रि का पुण्य ले सकते हैं इस बार यह व्रत अनेकों दुर्लभ संयोगो में किया जाएगा प्रातः 4:45 मिनट से लेकर पूरे दिन शिव योग रहने वाला है। इसके साथ ही सुबह 6:45 मिनट से 10:41 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस दिन प्रदोष भी है वहीं मकर राशि में मंगल और चंद्रमा की युति हो रही है, जिससे चंद्र मंगल योग का निर्माण हो रहा है, कुंभ राशि में शुक्र, शनि और सूर्य की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है और मीन राशि में राहु और बुध की युति हो रही है। ऐसे संयोग कई राशियों के जीवन में खुशहाली लाएंगे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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