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सिकंदराराऊ : बसंत पंचमी की देर शाम एक काव्य गोष्ठी कुंवर विमल साहित्य मंच के तत्वावधान में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता सेवा निवृत सैनिक आर बी एस चौहान ने की ।
कार्यक्रम का शुभारंभ हिंदी प्रोत्साहन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने मां सरस्वती के छावि चित्र के समक्ष दीप धूप प्रज्वलित कर किया। आयोजक व संचालक प्रमोद विषधर ने सभी कवियों का सम्मान किया । कवि श्री उमेश अंगारक की सरस्वती वंदना के पश्चात श्री प्रमोद विषधर ने पढ़ा –
“तेरे ही बस प्रेम की चर्चा करता यह संसार प्रिये।
तू कुर्सी महारानी तेरे आशिक कई हजार प्रिये।”
व्यंग्यकार देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा- घूम-घाम कर देख ली क्या है दुनिया शूल।
अपनी संस्कृति छोड़कर प्राणी करता भूल ।
कवि श्री राज बहादुर सिंह चौहान ने पढ़ा – बसंती व्यार जब चलती तो मनुआ मुनमुनाता है।
भले माने बुरा कोई बुढ़ापा सब पे आता है।
श्री भद्रपाल सिंह चौहान ने अपना नदी व सागर पर लिखा लंबा व्यंग्य पढ़ा ।
वही डॉ सत्येंद्र भारद्वाज आभास ने राधा कृष्ण पर कविता पढ़ी।
श्री उमेश अंगारक के व्यंग्य भी खूब सराहे गए।
इस अवसर पर हिमांशु दीक्षित एडवोकेट , अजय यादव, कुलदीप पचौरी , छोटे सुनार, वैष्णव शर्मा, श्रेयाश शर्मा व सुनील यादव आदि मौजूद रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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