Visitors have accessed this post 172 times.

सिकंदराराऊ ; ब्राह्मणपुरी पुरानी तहसील रोड स्थित शिशु शिक्षा मंदिर पेड़ वाले स्कूल में अखंड भारत का निर्माण कर देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी 148 वीं जयंती पर याद किया गया। शिक्षकों एवं बच्चों द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं बच्चों को देश की एकता और अखंडता की शपथ दिलाई गई।
प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाने के लिए मनाया जाता है, जो 1947 से 1950 तक भारत के पहले उप प्रधान मंत्री और भारत के पहले गृह मंत्री थे। सरदार वल्लभभाई पटेल ने उस समय एकता के विचार को बढ़ावा दिया जब देश रियासतों और ब्रिटिश भारत में विभाजित था। पटेल ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद सभी 565 स्वशासित रियासतों को भारत में शामिल होने के लिए सफलतापूर्वक राजी किया। दिल का दौरा पड़ने और खराब स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित होने के बाद, पटेल ने 15 दिसंबर, 1950 को अपनी अंतिम सांस ली। उन्हें लोकप्रिय रूप से “भारत के लौह पुरुष” के रूप में जाना जाता था।उनका जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नडियाद, गुजरात में हुआ था। उन्होंने कई भारतीय रियासतों को एकीकृत करके एक भारतीय संघ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।आजादी के दौरान उन्होंने कई रियासतों को भारतीय संघ स्वीकार करने के लिए राजी किया। उन्हें रियासतों को एक राष्ट्र में एकीकृत करने पर उनकी मजबूत राय, महिला सशक्तीकरण के प्रति उनके सहायक दृष्टिकोण और भारत को एक एकजुट देश बनाने में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका के लिए पहचाना जाता है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य नरेश चतुर्वेदी, श्री कृष्ण दीक्षित फौजी, शरद शर्मा, आशुतोष उपाध्याय, विवेक कुमार , उत्कर्ष वर्ती पाठक, विशाल पचौरी , अनम मलिक, निशा खान, प्रीति , निशा नाज , निशा शर्मा, सारिया, अर्चना यादव, भावना यादव, मंतशा आदि उपस्थित रहे।

INPUT – VINAY CHATURVEDI

यह भी देखें:-