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मेरठ : शादाब चौहान ने बताया कि वह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जीवन पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं जिसका नाम द एक्सीडेंटल हसबैंड या दा होपलैस पीएम हो सकता है जिसका बहुत जल्द ट्रेलर लॉन्च किया जाएगा शूटिंग इस समय शुरू कर दी गई है इस फिल्म के अंदर नरेंद्र मोदी जी के जीवन काल की तमाम घटनाएं अंकित की गई जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी बचपन से ही अपने पिताजी के साथ चाय बेचने का काम करने लगे थे उसके बाद 13 वर्ष की आयु में उनकी सगाई जशोदाबेन जी से हो गई थी इसके बाद 17 साल की आयु में उनका विवाह जशोदाबेन जी से हो गया था जिसके बाद जशोदाबेन जी और नरेंद्र मोदी जी कुछ समय को छोड़कर साथ में नहीं रहे और वह अपनी पत्नी को छोड़कर घर से दूर चले गए यह रहस्य बना रहा कि वह गए कहा यह फिल्म के अंदर ही पता चलेगा उसके बाद वह आर एस एस के दफ्तर में काम करने लगे उसके बाद वह लगातार आर एस एस के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते उनके बड़े संचालकों के कपड़े धोते पहुंचा लगाते और इसी तरीके से 1992 की यात्रा के वह प्रचारक बने जो यात्रा राम मंदिर के नाम पर निकाली गई जिसमें बहुत से दंगे और फसाद हुए जिसके प्रचारक श्री नरेंद्र मोदी जी थे उसके बाद उस सीढीया चढ़ते ही गए और केशुभाई पटेल जी के बाद वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने उसके बाद तीन बार मुख्यमंत्री बने जिसमें 2002 का नरसंहार भारत पर लगा कलंक भी था जिसको कभी नहीं भुलाया जा सकता जिस दौरान बेगुना हजारों भारतीयों की मौत हो गई जिसकी वजह से नरेंद्र मोदी जी पर तरह-तरह के इल्जाम लगे उनसे सवाल किए गए कि आखिर यह सब कैसे हुआ और क्लीन चिट भी मिली और कई जगहों पर नरेंद्र मोदी जी की उस फसाद मे दखल की बात सामने आई उसके बाद नरेंद्र मोदी जी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया और उन्होंने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली भारी बहुमत के साथ लेकिन अफसोस है कि जो लोग मतलब प्रधानमंत्री जी अपनी पत्नी के साथ सात फेरे लेने के बाद 7 साल भी नहीं रहे लेकिन तीन तलाक जैसे बेबुनियाद मुद्दे पर संवैधानिक अधिकारों के हनन करते हुए उन्होंने तीन तलाक पर 3 साल की सजा जैसे कानून की बात और मुहिम शुरू कर दी जिससे दो तरह के सवाल उठते हैं कि क्या वाकई किसी की निजी जिंदगी पर सवाल उठाने चाहिए अगर हां तो जिस तरह तीन तलाक पर उठाए गए तो फिर नरेंद्र मोदी जी के निजी जीवन पर भी व्याख्या और चर्चा होनी चाहिए अन्यथा अगर मोदी जी के निजी जीवन पर चर्चा करना अपराध है तो फिर तीन तलाक जैसे मसलों पर भी चर्चा करना अपराध की श्रेणी में होना चाहिए क्योंकि हमारा संविधान धार्मिक आजादी भी देता है और निजी जिंदगी जीने का अधिकार भी देता है जिसमें कोई दखलंदाजी नहीं कर सकता हमारा मकसद किसी को ठेस पहुंचाना या किसी का अपमान करना नहीं है हमारा मकसद सिर्फ प्रधानमंत्री जी की जीवनी को जनता के सामने लाना है और साथ ही साथ पूरी फिल्म के दौरान कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जाएगा जिससे किसी की भावनाएं आहत हूं और अगर किसी को लगेगा तो उस पर विचार करके उसके अंदर बदलाव भी किए जाएंगे ।
इनपुट : राशिद ख़ान
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