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सभी धर्मों में श्रेष्ठ है सनातन धर्म : स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज
अलीगढ। सनातन धर्म में कई ऐसे व्रत हैं जिन्हें करना सौभाग्य माना जाता है।जिनमें से एक वट सावित्री व्रत का भी विशेष महत्व है। शुक्रवार को सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए वटवृक्ष की पूजा अर्चना कर वट सावित्री व्रत मनाया साथ ही शनिदेव की जयंती भी बड़े ही धूमधाम से मनायी गयी।
वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में आगरा रोड स्थित देसी बनिये रेस्टोरेंट में महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के सानिध्य में आचार्य गौरव शास्त्री, ऋषि शास्त्री, रवि शास्त्री, ऋषभ वेदपाठी, चंदर शास्त्री ने मुख्य यजमान प्रमोद कुमार वार्ष्णेय, शशि वार्ष्णेय द्वारा विधि विधान से भगवान शिव परिवार का रुद्राभिषेक रुद्राभिषेक करवाया तत्पश्चात वेदमंत्रो की ऋचाओं पर यज्ञ में आहुतियाँ दिलवाईं इस अवसर पर स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि सनातन धर्म की श्रेष्ठता है कि हमारे यहाँ वृक्ष, नदी, जीव जंतुओं के प्रति दया और सम्मान की भावना रखी जाती है। हमारे ज्यादातर पर्व नदी और व्रक्षो के संरक्षण हेतु है जिनमें से एक वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। बरगद के पेड़ में त्रिदेव जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और शाखाओं में भगवान शिव का वास होता है। मान्यतानुसार माता सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान को भी छीन लिया था अतः यह व्रत पति की लम्बी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है।मान्यता के अनुसार इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं। यज्ञ अनुष्ठान के बाद रेस्टोरेंट के बाहर मैनेजर गगन वार्ष्णेय, याशू वार्ष्णेय आदि ने पूरी सब्जी का प्रसाद वितरित किया।