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सिकंदराराऊ : सोमवार को भारतीय किसान यूनियन भानु के जिला सोशल मीडिया प्रभारी संजय कुमार जाटव के नेतृत्व में गांव बसई के लोग चकबंदी की समस्या को लेकर अलीगढ़ मंडल आयुक्त से उनके कार्यालय में मिले और कार्रवाई की मांग की। अलीगढ़ मंडल आयुक्त ने ग्राम बसई बाबस में चल रही चकबंदी प्रक्रिया की सक्षम अधिकारी द्वारा जांच कराए जाने हेतु जिला अधिकारी को निर्देश दिए हैं।
बता दें कि ग्राम पंचायत बसई बावस में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। जिसमें ग्रामीणों का आरोप है कि चकबंदी विभाग के कर्मचारियों द्वारा चकबंदी में अनियमितताएं बरती गई है। नियमानुसार सही ढंग से चक नहीं बनाए गए हैं। जिससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है । ग्रामीणों ने 20 अक्टूबर से मंडलायुक्त कार्यालय पर भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी थी।
सोमवार को भारतीय किसान यूनियन भानु के जिला सोशल मीडिया प्रभारी सदस्य संजय कुमार जाटव के नेतृत्व में गांव के लोग एक बार पुनः अलीगढ़ कार्यालय पहुंचकर मंडल आयुक्त से मिले। ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा कि 7 अक्टूबर को मंडल आयुक्त द्वारा जिला अधिकारी हाथरस को आदेश दिया गया था कि अपर जिलाधिकारी को गांव बसई में भेजकर पंचायत घर पर किसानों के साथ खुली बैठक कराकर समस्या का समाधान कराएं । उसके बावजूद किसी भी प्रकार की गांव में अपर जिलाधिकारी द्वारा कोई बैठक नहीं की गई और मंडलायुक्त के आदेशों का अनुपालन भी नहीं किया गया ।7 अक्टूबर को ग्राम प्रधान हेमलता व संजय कुमार जाटव तथा गांव के लगभग 100 से अधिक किसानों द्वारा मंडल आयुक्त से मांग की गई थी कि ग्राम पंचायत बसई बावास में चल रही चकबंदी प्रक्रिया को निरस्त करा कर नए सिरे से मौके पर जाकर किसानों के चकों की मालियत लगाकर दोबारा से पर्चा 23 बटवा कर चकबंदी कराई जाए । पूर्व सहायक चकबंदी अधिकारी द्वारा की गई गलत चकबंदी प्रक्रिया को 19 अक्टूबर तक निरस्त करा कर पुनः सभी किसानों की दोबारा से चकों की मालियत लगवाकर चकबंदी कराई जाए। ऐसा नहीं होता है तो भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी तथा किसान मंडल आयुक्त कार्यालय पर भूख हड़ताल एवं अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे।
ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त ने जिला अधिकारी हाथरस को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ग्राम प्रधान हेमलता ने 7 अक्टूबर को इस संबंध में शिकायत की थी। शिकायतकर्ताओं द्वारा पुनः 17 अक्टूबर को मंडल आयुक्त कार्यालय में शिकायत की गई। सक्षम अधिकारी से मामले की जांच करा कर 7 दिन के अंदर की गई कार्रवाई से अवगत कराने के लिए भी जिला अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

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