Visitors have accessed this post 217 times.
सिकंदराराऊ : हिंदी प्रोत्साहन समिति के बैनर तले हिंदी दिवस के उपलक्ष में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ, जिसका आनंद उपस्थित सैकड़ों श्रोताओं ने रात भर लिया ।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी व भाजपा नेता उदय पुंढीर द्वारा मां सरस्वती के छवि चित्र पर माल्यार्पण एवं धूप दीप से किया गया वहीं कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी राजेंद्र मोहन सक्सैना नेकी। संचालन समिति के संस्थापक अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने किया ।
उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गिरजा शंकर शर्मा प्रोअर्थ आयुर्वेदा , सतीश चौहान जीवन आयुर्वेद, देवेंद्र राघव राज आयुर्वेद व नीरज वैश्य नगर अध्यक्ष भाजपा रहे।
विशिष्ट सहयोगी दिलीप गुप्ता , कुलदीप पचौरी अगराना, आकाश दीक्षित व मुकुल गुप्ता आदि रहे ।
सह संयोजक कुमुद कांत देव गर्ग व भानु प्रताप सक्सेना द्वारा सभी कवियों व अतिथियों का माला, शाल व स्मृति चिन्ह से सम्मान किया।
मैंडू से पधारी कवयित्री स्नेहा शर्मा की सरस्वती वंदना के बाद भरतपुर राजस्थान के कवि जयकुमार जय ने युवक युवतियों द्वारा मोबाइल से चैटिंग पर पैरोडी सुना श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। हिंदी के लिए पढ़ा- जिससे अपनी एकता जिंदी है ।हिंदी हिंद के माथे की बिंदी है।
वहीं टूंडला के कवि सुबोध सुलभ ने पढ़ा -हिन्द और हिंदुओं से जिसको नहीं है मोह
वह बांधले शरीर वे यहां रह नहीं पाएंगे।
भोपाल मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कवि श्री कैलाश आदमी नेपढ़ा-कविता एक तूफान हो गई ।
शब्द शब्द मिल गान हो गई।
दिल्ली के वरिष्ठ कवि डॉ जय सिंह आर्य जय ने पढ़ा- सिर्फ यही कर पाएगी सब का बेड़ा पार। हाथों में अब थाम लो हिंदी की पतवार ।
डॉ रमाशंकर पांडेय मथुरा ने पढ़ा- फिर से गुलामी का शिकंजा कस जाए नहीं,हिंदी को बचाके हिंदुस्तान को बचाइए।
जिरस्मी एटा की कवयित्री श्रीमती सीमा पुंडीर ने पढ़ा- हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदीबसी मिट्टी की खुशबू में हमारी जान है हिंदी।
नोएडा से पधारे हास्य व्यंग के प्रसिद्ध कवि विनोद पांडे ने पढ़ा अगर हम बेचते सपने तो लायक बन गए होते ।
अदाकारी दिखाते गर तो नायक बन गए हो ते।
यहां वादाखिलाफी पर कहा है बेवफा तुमने
सियासत में अगर हो होते विधायक बन गए होते।
मेरठ से पधारे श्रेष्ठ गीतकार सत्यपाल सत्यम जी ने अपने गीतों से समा बांध दिया ‘तेरे शहर में रिमझिम रिमझिम गांव में सूखा जल।
हमसे रूठ गया बादल ।आदि गीतों पर खूब तालियां प्राप्त कीं।
वहीं एटा के वरिष्ठ कवि बलराम सरस ने श्रेष्ठ रचनाएं पढ़ श्रोताओं को आश्चर्यचकित कर दिया।
अब्दुल रज्जाक अलीगढ़, विशाल उपाध्याय,कुमारी शांभवी पाठक दर्पण, उन्नति भारद्वाज व श्रीमती स्नेहा शर्मा व डॉक्टर दत्तात्रेय द्विवेदी आदि ने भी काव्य पाठ काव्य किया।
इस अवसर पर डॉ प्रदीप गर्ग, डॉ शरीफ अली , डॉ अरविंद शर्मा प्राचार्य , शिवेन्दु दीक्षित प्रथ्वी सिंह, सत्य प्रकाश पाठक, अशोक शर्मा एडवोकेट रामकिशन दीक्षित ,आदित्य दीक्षित देवा बघेल ,प्रमोद विषधर, सत्य प्रकाश शर्मा सत्य, अमन सक्सैना ,मीरा माहेश्वरी ,शालिनी गर्ग, मालती गर्ग ,कमलेश शर्मा सभासद शशिबाला वार्ष्णेय, सुशीला चौहान, बब्बी पंडित, मनमोहन शर्मा सभासद मैंडू आदि उपस्थिति रहे।