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सिकंदराराऊ : हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत हिंदी प्रोत्साहन समिति द्वारा ममता फार्म हाउस में हिंदी पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी का शुभारंभ व्यापार मंडल अध्यक्ष एवं अमोल चंद पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक विपिन वार्ष्णेय द्वारा व अध्यक्षता राजकमल पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक राजकुमार राठौर द्वारा की गई। जिसमें सभी वक्ताओं ने हिंदी को देश और संस्कृत व सभ्यता के लिए आवश्यक बताया ।
समाजसेवी जयपाल सिंह चौहान , हरपाल सिंह यादव व उदय पुंढीर आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हर साल 14 सितंबर का दिन हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी दिवस को पूरे एक हफ्ते तक सेलिब्रेट किया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं। हिन्दी दुनिया में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर है। दुनिया में 55 करोड़ लोग इस भाषा को समझते हैं, जबकि भारत में 45 करोड़ नागरिकों की बातचीत का जरिया हिन्दी भाषा है। आज़ादी के बाद अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिन्दी के महत्व को कम होते देख हिन्दी दिवस को हर साल मनाने का फैसला लिया गया। 14 सितंबर को 1949 को हिंदी को राजभाषा बनाया गया ।लेकिन गैर हिंदी राज्यों ने इसका विरोध किया। जिसकी वजह से अंग्रेजी को हिन्दी की जगह दी गई। तब से लेकर आज तक हिंदी के महत्व को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है।
समिति के संस्थापक अध्यक्ष देवेंद्र दीक्षित शूल ने कहा कि जिन अंग्रेजों ने हम पर अत्याचार किए, हम उनकी भाषा और संस्कृति को सम्मान दे रहे हैं। यह शर्म की बात है। हमें अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रयोग में गर्व का अनुभव होना चाहिए। इस अवसर पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि वाहनों आदि पर हिंदी लिपि में लिखे अंकों को सरकार स्वीकार करें।

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