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सिकंदराराऊ : बीएएमएस एवं बीयूएमएस चिकित्सकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने उपजिलाधिकारी अंकुर वर्मा से मुलाकात करके संविधान के अनुच्छेद 200 के अधीन उत्तर प्रदेश इंडियन मेडिसिन संशोधन अधिनियम 2015 के अनुसार प्रकाशित शासनादेश उपजिलाधिकारी को दिखाया। शासनादेश देखने के बाद उपजिलाधिकारी ने बीएएमएस एवं बीयूएमएस चिकित्सकों को शासनादेश के अनुसार चिकित्सा कार्य करने एवं हर संभव मदद का भरोसा दिया। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में आज भी नर्सिंग होम और क्लीनिक बंद रहे। जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
उपजिलाधिकारी अंकुर वर्मा से मुलाकात के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में डॉ नसीम अहमद, डॉ ललित प्रताप बघेल, डॉ अरविंद सारस्वत ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंडियन मेडिसिन संशोधन विधेयक 2015 उत्तर प्रदेश विधान मंडल द्वारा पारित होने के बादपर 7 सितंबर 2015 को प्रदेश के राज्यपाल द्वारा बीएएमएस एवं बीयूएमएम चिकित्सकों को विभिन्न प्रकार की दवाएं लिखने की अनुमति प्रदान की थी और यह उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 10 सन 2015 के रूप में सर्वसाधारण की सूचनार्थ प्रकाशित भी किया गया था। शासनादेश के अनुसार विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक, एंटासिड h2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स, प्रोटीन पंप, मलेरिया नाशक, अमीबा नाशक, एंटीवायरल, ब्रोंकोडाइलेटर, क्रमी नाशक कुष्ठ नाशक, टाइपिकल एंटीफंगल, एंटीमेटिक, ब्रोंकोडिलेटर, फोलिक एसिड आदि दवाएं मरीजों को लिखने का अधिकार प्राप्त है।
पत्रकार वार्ता के दौरान डॉ सी पी वर्मा, डॉ विजय प्रकाश गुप्ता, डॉ अजीम खान पुरदिलनगर, डॉ अंशुल सोनी, डॉ अरविंद सारस्वत, डॉ आसिम अंसारी, डॉ सीपी शर्मा, डॉ मुकेश कुमार, डॉ यतेंद्र कुमार आदि मौजूद थे |
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