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अलीगढ़ : कोरोना महामारी के चलते विगत दो वर्षों से शिष्य अपने गुरु के पाद-पूजन के लिए सामूहिक रूप से नहीं जा सके। वहीं, इस बार गुरुपूर्णिमा महोत्सव का उत्साह वृहद् स्तर पर देखने को मिल रहा है। गुरु शिष्य परंपरा का यह बृहद पर्व भारत सहित अन्य देशों में बड़े धूमधाम से मनाया गया सभी गुरु भक्तों ने अपने अपने गुरु के चरण पादुका का पूजन अर्चन कर माल्यार्पण किया।
अलीगढ़ शहर में वैदिक ज्योतिष संस्थान के तत्वावधान में स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के शिष्यों द्वारा मेरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्टयार्ड में गुरु पूर्णिमा का भव्य महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
स्वर्ण जयंती नगर सीजंस अपार्टमेंट स्थित संस्थान कार्यालय पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा गुरुदेव भगवान की जय हर हर महादेव के जयघोषों के साथ भक्तों ने गुरुदेव भगवान के दर्शन किये।
प्रातः कालीन बेला में महामंडलेश्वर स्वामी श्री पूर्णानंदपुरी जी महाराज के दीक्षित शिष्यों ने मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत से चरण कमल को पखारकर गुलाबजल इत्र आदि का चरणामृत बनाया उसके बाद गुलाब,कमल,बेला आदि का माल्यार्पण कर आरती की गई ।
सांय 4 बजे से मेरिस रोड स्थित धर्मपुर कोर्टयार्ड में बृंदावन से आये कथा व्यास आचार्य शिवम शास्त्री एवं उनके सहयोगियों ने गुरुदेव भगवान के सुंदर सुंदर भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्रीमान आशुतोष मिश्रा (पुलिस अधीक्षक), श्रीमान पी.के सिंह (जेल अधीक्षक), एवं ब्रजेंद्र कुमार सिंह (जेलर), उद्योगपति धनजीत बाड्रा एवं पूज्य गुरुदेव स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने सामूहिक रूप से आचार्य गौरव शास्त्री,रवि शास्त्री,ऋषि शास्त्री आदि विद्वान आचार्यों ने मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलन करवाया।
परिसर में उपस्थित भक्तों के सैलाब के समक्ष आशीर्वचनों के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश हमेशा से तपस्वी ऋषि मुनियों की भूमि रहा है,यहां प्राचीन समय से ही गुरु को विशेष दर्जा दिया गया है। आज का यह पर्व हमें अपने जीवन में गुरु के महत्व को समझने का अवसर है। माता पिता पहले गुरु होते हैं और माता-पिता के बाद जो दर्जा गुरु को दिया जाता है वह सर्वोपरि है क्योंकि गुरु के सामने स्वयं देवता भी अपना सर झुकाते हैं। आज आधुनिक पीढ़ी अपनी संस्कृति को भूलती जा रही है संस्कार विहीन समाज राष्ट्र को नकारात्मक दिशा में लेकर जाता हैं वहीं संस्कार से सुसज्जित राष्ट्र में सकारात्मक संभावनाओं के साथ साथ राष्ट्र निर्माण की शक्तियां विहित होती हैं। बिना गुरु के संस्कारित समाज संभव नहीं हैं। गुरु वह असामान्य ऊर्जा है जिसकी उपस्थिति हमें महसूस नहीं होती लेकिन गुरु की अनुपस्थिति में कुछ भी कर पाना संभव नहीं है।
स्वामी पूर्णानंदपुरी जी महाराज ने बताया कि हम सब लोगों का दायित्व है कि इस समाज को संस्कारों से सुसज्जित करना इसके लिए हमें अपनी आने वाली पीढ़ी पर विशेष ध्यान देना होगा अच्छे राष्ट्र निर्माण हेतु संस्कारों का होना जरूरी है।
पुलिस अधीक्षक श्रीमान मिश्रा जी ने बताया कि बिना गुरु के किसी भी प्रकार के ज्ञान को प्राप्त नहीं किया जा सकता हर व्यक्ति को अपने जीवन में गुरु बनाना चाहिए।सांय 5 बजे से भंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें देर रात तक भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में रजनीश वार्ष्णेय, कपिल शर्मा, पवन तिवारी, सुमित वर्मा, गणेश वार्ष्णेय, आशीष तायल, अनिल तिवारी, सौरभ शर्मा, निपुण उपाध्याय, मनोज उपाध्याय, प्रमोद सिंह, निकिता तिवारी, ध्रुव उपाध्याय, लोकी सिंह, कालू प्रेमी, रीना उपाध्याय आदि का सहयोग रहा।
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