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सिकंदराराऊ : उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल,उत्तर प्रदेश पंजी द्वारा प्रान्तीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के आव्हान पर मंडी से जुड़ी समस्याओं को लेकर सिकंदराराऊ मंडी समिति पर मंडी सचिव को ज्ञापन दिया गया।
नगर चैयरमेन सुनील माहेश्वरी एवं नगर अध्यक्ष सूरज वार्ष्णेय के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की गई कि मंडी परिषद द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों व मंडी पोर्टल से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयों के सुधार के लिए आपसे अनुरोध है कि मंडी परिषद के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा लगातार नए-नए आदेश लागू किए जा रहे हैं जो न तो व्यवहारिक हैं न ही संवैधानिक हैं। इसलिए व्यापारी समस्याओं को संज्ञान में लेकर उनका निस्तारण करने का कष्ट करें । मंडी समिति का पोर्टल सुचारू रूप से नहीं चलता है। जिससे व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाई आ रही हैं।अतः जब तक पोर्टल सुचारु रुप से चालू हो तथा व्यापारी उस पर काम करना सीख जाएं, तब तक के लिए कम से कम 6 माह मंडी के काम के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन व्यवस्था जारी रखने के आदेश पारित किया जाए।अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों पर प्रवेश पर्ची बनाने की मण्डी अधिनियम में व्यवस्था है, परन्तु ई-मण्डी पोर्टल पर प्रवेश पर्ची नहीं बनायी जा रही है। अपितु 6-आर काटकर मण्डी शुल्क वसूल किया जा रहा है, जो मण्डी अधिनियम के प्रतिकूल है। पोर्टल पर अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों की प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यस्था करने के आदेश पारित करने की कृपा करें। जब तक पोर्टल पर प्रवेश पर्ची काटने की व्यवस्था नहीं हो पाती है, तब तक मैनुअल प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यवस्था की जाए । मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज दाल-दलहन जो प्रदेश के बाहर से आते हैं, उससे निर्मित उत्पाद को मण्डी शुल्क से कर मुक्त घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए मध्य प्रदेश की भॉति उत्तर प्रदेश में भी प्रदेश के बाहर से आने वाले दाल व दलहन को मण्डी शुल्क से मुक्त किया जाये।आदेश संख्या 256/2001-1385 दिनांक 07.09.2001 के द्वारा प्रदेश से बाहर से आने दलहन को प्रक्रिया उपरान्त प्रदेश से बाहर भेजने पर मण्डी शुल्क एवं विकास सेस से छूट प्रदान की गयी थी। उपरोक्त छूट वर्तमान ई-पोर्टल पर दर्शित नहीं हो रही है। अतः आदेश संख्या 256/2001-1385 दिनांक 07.09.2001 के अनुसार मिलने वाली छूट पोर्टल पर सुधार कर दर्ज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।दाल व चावल कृषि उत्पाद न होकर दलहन व धान से मील में प्रोसेस होने के बाद बनाये जाते हैं, जिन्हें मण्डी अधिनियम में निर्दिष्टि सूची से बाहर किया जाये। पूर्व में बिक्री किए जाते समय 9-आर भौतिक रूप से काटे जाते थे, जिसमें सभी खरीद पर क्रेता को एक ही 9-आर जारी किया जाता था, परंतु इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल के माध्यम से जारी किए जा रहे 9-आर प्रत्येक वस्तु के लिए अलग-अलग काटे जा रहे हैं व क्वालिटी वॉइस रेट अलग-अलग होने पर भी 9-आर अलग-अलग काटे जा रहे हैं, जिससे एक ही व्यापारी से समान खरीदने पर 8 से 10 तक 9-आर काटे जा रहैं है।अतः सॉफ्टवेयर में सुधार कर सभी प्रकार की जिंसों व रेट के लिए एक ही 9-आर काटे जाने की व्यवस्था पोर्टल पर की जाए तथा पोर्टल में सुधार होने तक मैनुअल व्यवस्था को जारी रखा जाए।आर पोर्टल पर काटे जाने के पश्चात गेट पास की आवश्यकता नहीं है। ऑनलाइन 9-आर काटे जाने से सभी डाटा विभाग के पास पहुॅच जाता है, इसलिए गेट पास की अनिवार्यता समाप्त की जाये। मण्डी लाइसेंस व रिनुअल की प्रक्रिया अत्यन्तः जटिल है, जिसे सरल किये जाने के आदेश पारित किया जाए। व्यापारी सदैव सहयोग की भावना से काम करता है। इसलिए मांग पत्र पर सहानुभूति पूर्वक व्यापारी हित में निर्णय लिया जाए।
ज्ञापन देने वालो में उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजी नगर अध्यक्ष सूरज वार्ष्णेय, नगर चेयरमैन सुनील माहेश्वरी, नगर उपाध्यक्ष मोहित माहेश्वरी, विकास वर्मा, संयुक्त महांमत्री रोहित माहेश्वरी, नगर मंत्री अमित जैन, विक्रम वर्मा, नीरज वार्ष्णेय, उज्जवल माहेश्वरी, कपिल वार्ष्णेय, ठा० भगवान सिंह , गिर्राज किशोर यादव, पिंकी अग्रवाल आदि प्रमुख थे।