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सिकंदराराऊ : राष्ट्रीय विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी को विंध्याचल में भ्रमण के दौरान सामाजिक कार्यों के लिए विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी के दर्शन भी किए। इस दौरान पंडित विजय बाबू मिश्रा द्वारा मां विंध्यवासिनी की मूर्ति भेंट करके एवं पटका उढाकर श्री चतुर्वेदी को सम्मान दिया। स्थानीय लोगों ने उनको सम्मान मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
श्री मिश्रा ने कहा कि परोपकार की भावना से मानव जाति के लिए कार्य करना अत्यंत पुनीत कार्य है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी द्वारा जिस प्रकार पूरे देश में सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं, वह सराहनीय हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति भारत की आत्मा है।ब्रह्म और मोक्ष ही सत्य है। मोक्ष से ही ब्रह्म हुआ जा सकता है। इसके अलावा स्वयं के अस्तित्व को कायम करने का कोई उपाय नहीं। ब्रह्म के प्रति ही समर्पित रहने वाले को ब्राह्मण और ब्रह्म को जानने वाले को ब्रह्मर्षि कहा जाता है।सनातन धर्म विरोधाभासी नहीं है।सनातन धर्म के सत्य को जन्म देने वाले अलग-अलग काल में अनेक ऋषि हुए हैं। उक्त ऋषियों को दृष्टा कहा जाता है। अर्थात जिन्होंने सत्य को जैसा देखा, वैसा कहा। इसीलिए सभी ऋषियों की बातों में एकरूपता है।
इस दौरान ब्लाक प्रमुख डॉ रवि शंकर पांडेय प्रयागराज , अंकित दुबे, डेविड पांडे, बृजेंद्र मिश्रा, प्रदेश महासचिव अरूण दुबे, शुभम मिश्रा आदि मौजूद थे

 

INPUT – VINAY CHATURVEDI

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