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हाथरस : प्रदेश भर में धूप की तपिश बढ़ने के साथ अब काका हाथरसी की नगरी हाथरस में देसी फ्रिज यानी मटके, की मांग बढ़ने लगी है। गर्मी बढ़ते देख मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार विभिन्न डिजाइनों में मटका, कुल्हड़, बोतल, गिलास बनाने में जुट गए हैं , जिन्हें दुकानों में सजाने का कार्य भी शुरु कर दिया है। ऐसे में नए डिजाइन वाले मिट्टी के इन बर्तनों की खूब बिक्री होने से कुम्हारों के चेहरे भी खिल उठे हैं। अगर चिलचिलाती धूप में कोई कंठ को राहत देता है तो वह है मिट्टी के घड़े का शीतल पानी। मिट्टी के घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है। आम से लेकर खास वर्ग के लोग को आज भी गर्मी के दिनों में उपयोग में आने वाला मटका शीतल जल से गले में ठंडक पहुंचा रहा है। जून महीना का चल रहा हैं । और इस समय गर्मी काफी ज्यादा है ।
हाथरस शहर के बाजारों में ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए मटकों और गिलास को स्टाइलिस लुक भी दिया जा रहा है। शहर में कई जगह मिट्टी के बर्तनों की दुकानें भी सज चुकी हैं। कोरोना महामारी के चलते थोड़ा बहुत फर्क बिक्री पड़ा है ।

इनपुट : बृजमोहन ठैनुआ

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